केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चिकित्सा क्षेत्र में स्नातकोत्तर में प्रवेश के लिए मेडिकल छात्रों को राहत देते हुए ‘नीट' (NEET) को खत्म करने का प्रस्ताव किया है और कहा है कि एमडी और एमएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एमबीबीएस की अंतिम वर्ष की परीक्षा ही काफी होगी. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक के संशोधित मसौदे में संशोधन शामिल किया गया है जो जल्द ही कैबिनेट को भेजा जाएगा. सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर विधेयक में बदलाव शामिल किए गए हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘ताजा एनएमसी विधेयक में किए गए संशोधनों के अनुरूप स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश नेशनल एग्जिट टेस्ट (एनईएक्सटी) के परिणामों के आधार पर होगा, जो देशभर में साझा परीक्षा के रूप में होगा. इस तरह एमबीबीएस की अंतिम परीक्षा पास करने के बाद अभ्यर्थियों को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक अलग से परीक्षा में नहीं बैठना होगा.''
छात्रों को प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस हासिल करने के वास्ते भी अलग से परीक्षा में नहीं बैठना होगा. सूत्रों ने हालांकि कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अलग से परीक्षा पास करना अनिवार्य रहेगा. इसके साथ ही नीट-सुपर स्पेशलिटी भी जारी रहेगा जो डीएम/एमसीएच पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है.
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