NEET-PG 2025: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) को NEET-PG की आंसर की जारी करने को लेकर अपनी नीति का खुलासा करने का निर्देश दिया है. जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस विपुल पंचोली की बेंच ने एनबीई के वकील से हलफनामा दाखिल कर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट में NEET-PG से जुड़ी कई मुद्दों को उठाने वाली तमाम याचिकाओं पर सुनवाई हो रही थी, जिसमें पारदर्शिता के तौर पर आंसर की का खुलासा किए जाने की बात भी शामिल है.
वकीलों का क्या है तर्क
नीट-पीजी को लेकर याचिकाओं की सुनवाई के दौरान, एनबीई के वकील ने दलील देते हुए कहा कि कोचिंग संस्थान ये याचिकाएं इसलिए दायर कर रहे हैं, क्योंकि वे क्वेश्चन बुक्स की आंसर की हासिल करना चाहते हैं. वकील ने तर्क दिया कि इससे परीक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी. जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने 26 सितंबर को नीट-पीजी 2025 की आंसर की जारी करने की मांग वाली याचिकाओं पर केंद्र और राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परीक्षा बोर्ड को नोटिस जारी किए थे.
निष्पक्षता को लेकर चिंताएं
बेंच नीट-पीजी में आंसर की के प्रकाशन सहित पारदर्शिता बढ़ाने के उपायों का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को पारदर्शिता के लिए ‘मूल अंक', उत्तर कुंजियों और सामान्यीकरण सूत्र के प्रकाशन का निर्देश दिया. इससे पहले, उम्मीदवारों के पास उत्तर कुंजियों या ‘मूल अंक' के विवरण तक पहुंच नहीं थी, जिससे सामान्यीकरण प्रक्रिया की निष्पक्षता को लेकर चिंताएं जताई गई थीं.
राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि इसे लेकर उनकी नीति बिल्कुल स्पष्ट है. तमाम छात्रों को आंसर की के बारे में गोपनीयता समझौते पर हस्ताक्षर करना होगा. अब सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड से कहा है कि वो अपना रुख स्पष्ट करे और इसे लेकर एक हलफनामा भी दाखिल किया जाए.
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