इस बार 26 जनवरी (26 January) को भारत के मुख्य अतिथि ब्राजील (Brazil) के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो (Jair Bolsonaro) होंगे. इस साल देश 71वां गणतंत्र दिवस (Republic Day) मना रहा है. बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ब्राजिल के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो को ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान न्यौता दिया था. वहीं पिछले साल गणतंत्र दिवस पर भारत के मुख्य अतिथि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा थे. बता दें, जेयर बोल्सोनारो को 2018 में ब्राजिल का राष्ट्रपति नियुक्त किया गया था और उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1988 में की थी.
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जेयर बोल्सोनारो का जन्म 21 मार्च 1955 में कैम्पिनास में हुआ था. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1988 में की थी. इस दौरान उन्होंने रियो डी जेनेरियो में चुनाव जीता था. वह ब्राजील की कंजरवेटिव सोशल लिबरल पार्टी से आते हैं. वह ब्राजिल के 38वें राष्ट्रपति हैं. जेयर बोल्सोनारो ने राष्ट्रपति के चुनाव में वामपंथी वर्कर्स पार्टी के फर्नाडो हदाद को मतों में भारी अंतर से हराया था. बोल्सोनारो को यह जीत, ब्राजील में व्याप्त भ्रष्टाचार और अपराध पर नियंत्रण के वादों के कारण मिली थी.
जेयर बोल्सोनारो ने 1997 में मिलिट्री एकेडमी ऑफ अगुलहास नेग्रेस से अपनी पढ़ाई पूरी की थी, जिसके बाद वह कई सालों तक मिलिट्री में रहे थे. उन्हें 1 जनवरी, 2019 को ब्राज़ील का 38वां राष्ट्रपति बनाया गया. ब्राज़ील सोशल डेमोक्रेसी पार्टी (PSDB) के फर्नांडो हेनरिक कार्डसो के बाद बोल्सोनारो देश के पहले लोकतांत्रिक रूप से चुने गए राइट-विंग अध्यक्ष बने.
उन्होंने देश में कई तरह के सुधार किए हैं. उनके राष्ट्रपति बनने के बाद ब्राजिल में आपराधिक मामलों में कमी आई है. इसके साथ ही ईसाई और पारिवारिक मूल्यों को बचाए रखने की दिशा में जरूरी कमद उठाए हैं. इसके साथ ही वह ब्राजील में भ्रष्टाचार खत्म करने की दिशा में लगातार सख्स कदम उठा रहे हैं.
बोल्सोनारो, राष्ट्रपति के रूप में चयनित होने से पहले ब्राजील कांग्रेस के निचले सदन में 'चैम्बर ऑफ डिप्टीज' के तौर पर सात साल तक सेवाएं दे चुके हैं.
बता दें, भारत में हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर किसी न किसी प्रसिद्ध व्यक्ति को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाता है. किस देश के सदस्य को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाना चाहिए इसका फैसला विदेश मंत्रालय विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर करता है. इसके साथी ही उस देश के साथ भारत के संबंधों को भी ध्यान में रखा जाता है. किसी को भी निमंत्रण देने से पहले पीएम की मंजूरी और राष्ट्रपति की अनुमति ली जाती है.
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