प्रतीकात्मक तस्वीर
नीट की तरह ही इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर कॉलेजों में भी साल 2018-19 से एक ही प्रवेश परीक्षा कराने की तैयारी की जा रही है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से ऐसी परीक्षा के लिए उचित नियम बनाने को कहा है.
AICTE के प्रस्ताव से सरकार भी सहमत
देश में तकनीकी शिक्षा के पहलू को देखने वाले एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए एक ही प्रवेश परीक्षा के प्रस्ताव पर हाल ही में हुई एक बैठक में चर्चा की.सूत्रों के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एआईसीटीई को बताया कि प्रस्ताव सरकार की नीति के अनुरूप है और वो ऐसी परीक्षा कराने के लिए उचित नियम लागू कर सकता है.
आईआईटी प्रवेश परीक्षा को भी इसके दायरे में लाने की तैयारी
ये पाया गया कि प्रतिष्ठित आईआईटी में प्रवेश को भी इस नयी परीक्षा के दायरे में लाया जा सकता है. आईआईटी प्रवेश के लिए राष्ट्रव्यापी प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन किया जाता है.
संभवत: साल में कई बार होगी यह परीक्षा
खबर है कि अमेरिका की तरह इस एकल परीक्षा को भी साल में कई बार आयोजित किया जाएगा. वहां कॉलेजों में प्रवेश के लिए स्कोलैस्टिक असेसमेंट टेस्ट (सैट) के जरिये की जाती है.
क्यों लिया गया यह फैसला?
सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय ने ये फैसला ज्यादा पारदर्शिता और उच्च मानक स्थापित करने के लिए लिया है. इसके साथ ही मंत्रालय ये भी चाहता है कि छात्रों को कई परीक्षाओं के बोझ से बचाया जा सके.उन्होंने कहा कि मंत्रालय राज्यों और डीम्ड विश्वविद्यालयों से भी इस परीक्षा के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए सकारात्मक सुझाव का पक्षधर है.
सूत्रों ने कहा कि ये भी फैसला किया गया है कि एकल प्रवेश परीक्षा देश की भाषायी विविधता को ध्यान के रखते हुए तैयार किया जाएगा.
देश में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए नीट के तौर पर पहले ही एकल परीक्षा होती है लेकिन इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए अलग-अलग प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन होता है.
AICTE के प्रस्ताव से सरकार भी सहमत
देश में तकनीकी शिक्षा के पहलू को देखने वाले एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए एक ही प्रवेश परीक्षा के प्रस्ताव पर हाल ही में हुई एक बैठक में चर्चा की.सूत्रों के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एआईसीटीई को बताया कि प्रस्ताव सरकार की नीति के अनुरूप है और वो ऐसी परीक्षा कराने के लिए उचित नियम लागू कर सकता है.
आईआईटी प्रवेश परीक्षा को भी इसके दायरे में लाने की तैयारी
ये पाया गया कि प्रतिष्ठित आईआईटी में प्रवेश को भी इस नयी परीक्षा के दायरे में लाया जा सकता है. आईआईटी प्रवेश के लिए राष्ट्रव्यापी प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन किया जाता है.
संभवत: साल में कई बार होगी यह परीक्षा
खबर है कि अमेरिका की तरह इस एकल परीक्षा को भी साल में कई बार आयोजित किया जाएगा. वहां कॉलेजों में प्रवेश के लिए स्कोलैस्टिक असेसमेंट टेस्ट (सैट) के जरिये की जाती है.
क्यों लिया गया यह फैसला?
सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय ने ये फैसला ज्यादा पारदर्शिता और उच्च मानक स्थापित करने के लिए लिया है. इसके साथ ही मंत्रालय ये भी चाहता है कि छात्रों को कई परीक्षाओं के बोझ से बचाया जा सके.उन्होंने कहा कि मंत्रालय राज्यों और डीम्ड विश्वविद्यालयों से भी इस परीक्षा के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए सकारात्मक सुझाव का पक्षधर है.
सूत्रों ने कहा कि ये भी फैसला किया गया है कि एकल प्रवेश परीक्षा देश की भाषायी विविधता को ध्यान के रखते हुए तैयार किया जाएगा.
देश में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए नीट के तौर पर पहले ही एकल परीक्षा होती है लेकिन इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए अलग-अलग प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन होता है.
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