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This Article is From Apr 05, 2017

शिक्षकों के लिए वेतनमान का उल्लंघन करने पर इंजीनियरिंग कॉलेजों पर हो सकती है कार्रवाई

शिक्षकों के लिए वेतनमान का उल्लंघन करने पर इंजीनियरिंग कॉलेजों पर हो सकती है कार्रवाई
नयी दिल्ली: ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन के नए मानदंडो के तहत शिक्षकों के लिए वेतनमान और छात्र-संकाय अनुपात नहीं मानने पर तकनीकी संस्थान में दाखिला प्रक्रिया को रोका जा सकता है या सीटों को कम किया जा सकता है.

हाल में हुई बैठक में, ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन (एआईसीटीई) तकनीकी संस्थानों के नए मानदंडो को मंजूरी दे दी.

देश में 3000 से ज्यादा एआईसीटीई पंजीकृत इंजीनियरिंग संस्थान हैं.

यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब डीयू, जेएनयू और एएमयू के शिक्षक वेतनमान को नहीं मानने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग हैं कि यूजीसी के सातवें वेतन समीक्षा समिति की सिफारिशों को सार्वजनिक किया जाए.

एआईसीटीई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई भाषा से कहा कि जो संस्थान 12 महीने से ज्यादा वक्त तक वेतनमान या शिक्षक स्टाफ के लिए निर्धारित योग्यता को नहीं मानते हैं और निर्धारित संकाय-छात्र अनुपात को बरकरार नहीं रखते हैं वे सबसे अधिक सीटों की मंजूरी को निलंबित करने और सीटों को कम करने सहित दंडानात्क कार्रवाई के पात्र होंगे.

अधिकारी ने कहा कि परिषद एक शैक्षिक वर्ष के लिए संबंधित पाठ्यक्रमों के लिए दाखिला प्रक्रिया पर रोक लगा सकती है और पाठ्यक्रम या संस्थान की मंजूरी को वापस ले सकती है.

एआईसीटीई उन तकनीकी संस्थानों के खिलाफ पैनल कार्रवाई कर सकती है जो संकाय और अन्य स्टाफ को नियमित तौर पर तनख्वाह नहीं देते हैं और कॉलेजों की समय सारणी को नहीं मानते हैं जो पालियों में चलते हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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