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This Article is From Sep 09, 2020

'पढ़ना लिखना अभियान' 2030 तक पूर्ण साक्षरता के लक्ष्य को हासिल करेगा: केंद्रीय शिक्षा मंत्री

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक' (Education Minister Ramesh Pokhriyal 'Nishank') ने मंगलवार को कहा कि सरकार की नई साक्षरता योजना ‘पढ़ना लिखना अभियान' 2030 तक पूर्ण साक्षरता के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक लंबी छलांग होगी.

'पढ़ना लिखना अभियान' 2030 तक पूर्ण साक्षरता के लक्ष्य को हासिल करेगा: केंद्रीय शिक्षा मंत्री
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक' (Education Minister Ramesh Pokhriyal 'Nishank') ने मंगलवार को कहा कि सरकार की नई साक्षरता योजना ‘पढ़ना लिखना अभियान' 2030 तक पूर्ण साक्षरता के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक लंबी छलांग होगी. मंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा कि कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य देश भर के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और इससे अधिक आयु समूह के 57 लाख निरक्षर वयस्कों को साक्षर बनाना है. उन्होंने कहा, ‘‘इस लक्ष्य में मुख्य रूप से महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य वंचित समूहों को शामिल किया गया है. योजना में उन जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां नई जनगणना के मुताबिक महिला साक्षरता दर 60 प्रतिशत से कम होगी. '' 

उन्होंने कहा कि 2030 तक पूर्ण साक्षरता के लक्ष्य को हासिल करने के लिये यह योजना एक लंबी छलांग होगी. मंत्री ने सभी राज्य सरकारों, सामाजिक संस्थाओं, कॉरपोरेट इकाइयों, विद्वानों और नागरिकों सहित सभी हितधारकों से भारत को एक पूर्ण साक्षर देश ‘‘साक्षर भारत-आत्मनिर्भर भारत'' में तब्दील करने के लिये साथ आने की अपील की.

शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कहा, ‘‘निरक्षरता का अवश्य ही उन्मूलन किया जाना चाहिए. साक्षरता लोगों और समाज, खासतौर पर महिलाओं तथा समाज के वंचित वर्ग के लोगों को सशक्त करने, उनके जीवन में बदलाव लाने तथा जीवन की गुणवत्ता को बेहतर करने में एक अहम भूमिका निभा सकती है.साक्षरता और औपचारिक शिक्षा के दायरे में हर किसी को लाने की तत्काल जरूरत है, ताकि हम राष्ट्रीय लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ सकें. ''

उन्होंने कहा कि देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा 35 वर्ष से कम आयु के होने के मद्देनजर यह हमारे देश के लिये विशेष रूप से प्रासंगिक है. उन्होंने कहा, ‘‘यह युवा आबादी पर्याप्त शिक्षा और व्यावसायिक कौशल के बगैर कामकाज की दुनिया में प्रवेश कर रही है, जो हमें जनसांख्यिकीय लाभ का पूरा फायदा उठाने से रोक देगा.

हमें यह सोचना होगा कि युवा को शिक्षा और आजीवन काम आने वाले ज्ञान प्राप्ति के दायरे में कैसे लाया जाए. शिक्षा मंत्रालय ने वयस्क शिक्षा को बढ़ावा देने और निरक्षरता का उन्मूलन करने के लिये ‘पढ़ना लिखना अभियान' शुरू किया है. इस अभियान के तहत छात्रों को शामिल किया जाएगा और उन्हें अपने-अपने इलाकों में वयस्क लोगों को साक्षर बनाने के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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