विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की नई नियमावली के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा स्नातक पाठ्यक्रम परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन बहिष्कार दसवें दिन में प्रवेश कर गया। शिक्षकों का यह विरोध प्रदर्शन सात जून तक जारी रहने वाला है।
शिक्षकों ने पहले 24 मई से चार दिनों के बहिष्कार की घोषणा की थी, लेकिन फिर उसे आज तक के लिए बढ़ा दिया गया था। लेकिन फिर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक एसोसिएशन (डूटा) की सामान्य सभा की बैठक में बहिष्कार सात जून तक जारी रखने का फैसला किया गया।
इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए डूटा के प्रतिनिधि छह जून को यूजीसी के अधिकारियों से मिलेंगे, जबकि बाकी के शिक्षक आयोग कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे।
शिक्षक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की नियमावली में किए गए संशोधनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे नौकरियों में 50 प्रतिशत तक की कमी आएगी और शिक्षक-छात्र अनुपात बुरी तरह प्रभावित होगा।
नई राजपत्रित अधिसूचना में सहायक प्रोफेसर के ट्यूटोरियल सहित 'प्रत्यक्ष शिक्षण' कार्य घंटे प्रति सप्ताह 16 घंटे से बढ़ाकर 18 घंटे कर दिए गए हैं। इसके अलावा ट्यूटोरियल में और छह घंटे जोड़े गए हैं यानी कार्य घंटे कुल 24 घंटे प्रति सप्ताह हो गए हैं। इसी प्रकार एसोसिएट प्रोफेसर के कार्य घंटे 14 से बढ़ाकर 22 घंटे कर दिए गए हैं।
हालांकि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यूजीसी के कदम का बचाव किया था। यूजीसी ने इस मुद्दे पर सभी पक्षकारों को छह जून को बातचीत के लिए बुलाया है।
शिक्षकों ने पहले 24 मई से चार दिनों के बहिष्कार की घोषणा की थी, लेकिन फिर उसे आज तक के लिए बढ़ा दिया गया था। लेकिन फिर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक एसोसिएशन (डूटा) की सामान्य सभा की बैठक में बहिष्कार सात जून तक जारी रखने का फैसला किया गया।
इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए डूटा के प्रतिनिधि छह जून को यूजीसी के अधिकारियों से मिलेंगे, जबकि बाकी के शिक्षक आयोग कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे।
शिक्षक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की नियमावली में किए गए संशोधनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे नौकरियों में 50 प्रतिशत तक की कमी आएगी और शिक्षक-छात्र अनुपात बुरी तरह प्रभावित होगा।
नई राजपत्रित अधिसूचना में सहायक प्रोफेसर के ट्यूटोरियल सहित 'प्रत्यक्ष शिक्षण' कार्य घंटे प्रति सप्ताह 16 घंटे से बढ़ाकर 18 घंटे कर दिए गए हैं। इसके अलावा ट्यूटोरियल में और छह घंटे जोड़े गए हैं यानी कार्य घंटे कुल 24 घंटे प्रति सप्ताह हो गए हैं। इसी प्रकार एसोसिएट प्रोफेसर के कार्य घंटे 14 से बढ़ाकर 22 घंटे कर दिए गए हैं।
हालांकि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यूजीसी के कदम का बचाव किया था। यूजीसी ने इस मुद्दे पर सभी पक्षकारों को छह जून को बातचीत के लिए बुलाया है।
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