DU New Undergraduate Curriculum Framework: दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) ने 2022-23 शैक्षणिक सत्र के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार तैयार किए गए अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क (यूजीसीएफ) को मंजूरी दे दी है. बुधवार को यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल (एसी) की बैठक में यूजीसीएफ को पास किया गया है. बैठक के दौरान डीयू ने 2022-23 से एनईपी के कार्यान्वयन और चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) को मंजूरी दी है. हालांकि ग्यारह सदस्यों ने इसके खिलाफ असहमति जताई है और कहा है कि यूजीसीएफ 2022 को अकादमिक परिषद में ले जाने से पहले सभी वैधानिक निकायों जैसे पाठ्यक्रमों की समितियों, स्टाफ परिषदों और संकायों को चर्चा के लिए भेजा जाना चाहिए.
11 सदस्यों की ओर से दिए गए असहमति नोट के अनुसार विश्वविद्यालय ने हितधारकों को एक पुनर्गठन का जवाब देने के लिए केवल 10 दिन का समय दिया. जो यूजी शिक्षा के परिदृश्य को बदल देगा और छात्रों और शिक्षकों के लिए बड़े परिणाम होंगे. इसमें लिखा गया कि ये सच हो सकता है कि विश्वविद्यालय को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है. हितधारकों द्वारा उठाए गए चिंताओं के लिए फीडबैक की जांच करना महत्वपूर्ण है. उठाई गई चिंताओं पर आंखें मूंद लेना घातक होगा. यूजीसीएफ राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क (एनएचईक्यूएफ) के मसौदे द्वारा निर्धारित ढांचे के तहत नहीं है. जिस पर यूजीसी प्रतिक्रिया मांग रहा है.
दरअसल विश्वविद्यालय ने पहले एक मसौदा पाठ्यक्रम ढांचा जारी किया था और हितधारकों से प्रतिक्रिया मांगी थी. हितधारकों के पास अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने के लिए 30 जनवरी तक का समय था.
स्नातक पाठ्यक्रम रूपरेखा 2022 वर्तमान प्रणाली से एकदम अलग है. इसमें बहु-विषयक पाठ्यक्रम, बीच में पाठ्यक्रम छोड़ने का विकल्प है. यानी छात्र प्रमाण पत्र, डिप्लोमा या डिग्री के साथ पहले, दूसरे या तीसरे वर्ष के बाद अपने यूजी पाठ्यक्रम छोड़ सकते हैं.
वहीं 11 फरवरी को कार्यकारी परिषद की बैठक में यूजीसीएफ पर चर्चा की जाएगी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं