Delhi Government Schools: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज सरकारी स्कूलों में 12000 नए “स्मार्ट क्लासरूम” का उद्घाटन किया. प्रदेश के 240 सरकारी स्कूल अब 12,430 नए स्मार्ट क्लासरूम से लैस होंगे. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में सही मायने में शिक्षा क्रांति हो रही है. प्रदेश में शानदार स्कूल और क्लासरूम बन रहे हैं. देश के प्राइवेट स्कूल भी इतने स्मार्ट नहीं हैं जितने की दिल्ली के सरकारी स्कूल हैं. इस साल 3 लाख 70 हजार बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों से नाम कटाकर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया है, ये इस बात का प्रमाण है कि दिल्ली में शिक्षा क्रांति हो रही है.
रिजल्ट की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के परिणाम भी बेहतर आने लगे हैं. किसी ने सोचा नहीं था कि एक वक्त ऐसा भी आएगा कि सरकारी स्कूलों के नतीजे प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर आएंगे.
उन्होंने कहा कि आज से लगभग तीन साल पहले हमारी सरकार ने 11 हजार क्लासरूम बनाने का कार्यक्रम शुरू किया था और आज 12 हजार 430 क्लासरूम बनकर तैयार हो गए हैं. 12 हजार 430 क्लासरूम का मतलब समझाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर कोई 10वीं कक्षा तक का स्कूल बनता है तो उस स्कूल में 20, 30 या फिर 50 कमरे होते हैं. अगर 50 कमरे की एक क्लासरूम माने तो आज लगभग 250 नए स्कूल बनकर तैयार हो गए हैं. पिछले सात साल में दिल्ली सरकार ने कुल 20000 क्लासरूम बनाए हैं इसके मुकाबले देश की दूसरी राज्य सरकारों, केंद्र सरकार ने भी 20000 क्लासरूम नहीं बनाए हैं.
उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में शानदार मल्टीपर्पज हॉल, अत्याधुनिक लेबोरेटरी के साथ ही कई कमरे पूरी तरह डिजिटल हैं, यानी क्लासरूम ब्लैकबोर्ड सभी डिजिटल हैं. बड़े प्राइवेट स्कूलों में भी ऐसी व्यवस्था नहीं है.
आजादी के 75 साल बाद भी गरीब के बच्चों को अच्छी शिक्षा नसीब नहीं हो रही. लेकिन हमारी सरकार ने बाबा साहेब और भगत सिंह के सपनों को पूरा करने की कोशिश शुरू कर दी है. आज यहां के स्कूलों में सभी के बच्चे एक साथ पढ़ रहे हैं. चाहे जज का बच्चा हो या फिर किसी अधिकारी या फिर किसी मजदूर का.
इस मौके पर चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां चुनाव के दौरान स्कूल और अस्पताल को बनाने का वादा करती हैं लेकिन बनाती नहीं है. हमारी सरकार ने चुनाव से पहले ही निर्माण कार्य पूरा करके दिखाया है. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दूसरी राज्य सरकारों को यह ऑफर दिया कि अगर वो भी अपने राज्य के अंदर दिल्ली जैसी शिक्षा व्यवस्था चाहते हैं तो वे राज्य सरकारों की मदद के लिए तैयार हैं.
उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि भगत सिंह ने नारा दिया था 'इंकलाब जिंदाबाद' और आज मैं एक नारा देने जा रहा हूं 'इंकलाब जिंदाबाद, शिक्षा क्रांति जिंदाबाद.
कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आपने मुझे 2015 में शिक्षा की जिम्मेदारी दी थी तब मैं एक अधिकारी के साथ नरेला गया था. वहां एक बच्चे से मैंने बोला था कि अच्छे से पढ़ना तुम देश का भविष्य हो तो उसने कहा था कि सर हम नहीं प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे देश का भविष्य है. हम तो टूटे हुए टेंट वाले स्कूल में पढ़ते है. लेकिन आज 2022 में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बदलाव हुआ है. हमें अपनी शिक्षा का स्तर वो रखना है जिससे हमारे बच्चे विश्व स्तर पर मुकाबला कर सके.
उन्होंने कहा कि पहले दिल्ली का कोई कोना ऐसा नहीं था जहां टेंट वाले स्कूल नहीं थे और उसे हम भविष्य मानते थे. लेकिन आप की सरकार ने बदलाव किया. आज गर्व महसूस होता है. यहां के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे देश के बड़े -बड़े संस्थानों में पढ़ रहे हैं. इंजीनियर स्कूलों की बिल्डिंग बनाते हैं लेकिन बच्चे और टीचर मिलकर उसे स्कूल बनाते है.आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चों को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि वे नौकरी लेने वाले नहीं देने वाले बनेंगे.
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