नयी दिल्ली:
दिल्ली उच्च न्यायालय रजिस्ट्री ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि उसने 11 उम्मीदवार ऐसे पाए हैं जो 2014 की दिल्ली न्यायिक सेवा परीक्षा में पहले असफल थे लेकिन दोबारा मूल्यांकन के बाद वे निचली अदालत में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के लिए उपयुक्त पाए गए हैं।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह की पीठ ने कहा, ‘‘रिपोर्ट के अनुसार 12 उम्मीदवारों को साक्षात्कार में उपस्थित होना था। लेकिन एक उम्मीदवार उपस्थित नहीं हुआ। इसलिए 11 का साक्षात्कार लिया गया।’’ पीठ ने कहा, ‘‘सभी 11 उम्मीदवार उपयुक्त पाए गए हैं। प्रतिवादी (रजिस्ट्री) चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति का पत्र जारी करने के लिए स्वतंत्र है।’’ पीठ ने इस बीच रजिस्ट्री से अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा न्यायिक सेवा परीक्षा में पारदर्शिता लाने के लिए दिए गए सुझाव का जवाब देने को कहा और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 19 जुलाई को निर्धारित कर दी।
पीठ ने शीर्ष अदालत रजिस्ट्री से कहा कि न्यायमूर्ति पी वी रेड्डी समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट की प्रतियां सौंपे, जिसने असफल उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिका की जांच की थी।
अदालत ने 10 मार्च को दिल्ली उच्च न्यायालय से चार सप्ताह के भीतर 12 सफल उम्मीदवारों का साक्षात्कार लेने को कहा था।
पीठ ने इससे पहले उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पी वी रेड्डी को डीजेएस परीक्षा 2014 के तकरीबन 650 असफल उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने को कहा था। पीठ ने समिति की अंतरिम रिपोर्ट पर विचार किया था जिसमें 12 और उम्मीदवारों को सफल बताया गया था।
पीठ ने कहा था कि 12 उम्मीदवारों का साक्षात्कार भी वही बोर्ड लेगी जिसने सफल उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया था।
अदालत ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय रजिस्ट्रार से उसके निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करने और 25 अप्रैल तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा और जनहित याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख 27 अप्रैल निर्धारित कर दी।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह की पीठ ने कहा, ‘‘रिपोर्ट के अनुसार 12 उम्मीदवारों को साक्षात्कार में उपस्थित होना था। लेकिन एक उम्मीदवार उपस्थित नहीं हुआ। इसलिए 11 का साक्षात्कार लिया गया।’’ पीठ ने कहा, ‘‘सभी 11 उम्मीदवार उपयुक्त पाए गए हैं। प्रतिवादी (रजिस्ट्री) चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति का पत्र जारी करने के लिए स्वतंत्र है।’’ पीठ ने इस बीच रजिस्ट्री से अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा न्यायिक सेवा परीक्षा में पारदर्शिता लाने के लिए दिए गए सुझाव का जवाब देने को कहा और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 19 जुलाई को निर्धारित कर दी।
पीठ ने शीर्ष अदालत रजिस्ट्री से कहा कि न्यायमूर्ति पी वी रेड्डी समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट की प्रतियां सौंपे, जिसने असफल उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिका की जांच की थी।
अदालत ने 10 मार्च को दिल्ली उच्च न्यायालय से चार सप्ताह के भीतर 12 सफल उम्मीदवारों का साक्षात्कार लेने को कहा था।
पीठ ने इससे पहले उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पी वी रेड्डी को डीजेएस परीक्षा 2014 के तकरीबन 650 असफल उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने को कहा था। पीठ ने समिति की अंतरिम रिपोर्ट पर विचार किया था जिसमें 12 और उम्मीदवारों को सफल बताया गया था।
पीठ ने कहा था कि 12 उम्मीदवारों का साक्षात्कार भी वही बोर्ड लेगी जिसने सफल उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया था।
अदालत ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय रजिस्ट्रार से उसके निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करने और 25 अप्रैल तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा और जनहित याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख 27 अप्रैल निर्धारित कर दी।
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