
नयी दिल्ली:
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मेडिकल कोर्सेज में दाखिले के लिए राज्य स्तर पर साझा काउंसलिंग मुहैया की जाएगी. इस कदम का लक्ष्य पारदर्शिता की शुरूआत करना और निजी कॉलेजों द्वारा लिए जाने वाले कैपिटेशन फीस पर रोक लगाना है.
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के दिशानिर्देशों में किए गए संशोधनों के मुताबिक नामित प्राधिकार केंद्र या राज्य सरकार, विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय, ट्रस्ट, सोसाइटी, कंपनी, अल्पसंख्यक संस्थानों या निगमों द्वारा स्थापित सभी चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में साझा काउंसलिंग करेगा.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि देश में एकल मेडिकल प्रवेश परीक्षा शुरू किए जाने के बाद एक ऐतिहासिक फैसले के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब मेडिकल पाठ्यक्रमों में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर प्रवेश के लिए राज्य स्तर पर दाखिले के लिए साझा काउंसलिंग का प्रावधान किया है.
इस प्रावधान के साथ छात्रों को एक ही राज्य में दाखिले के लिए कई एजेंसियों में आवेदन नहीं करना होगा. इसने कहा है कि यह कदम दाखिला प्रक्रिया में पारदर्शिता लाएगा और निजी कॉलेजों द्वारा लिए जाने वाले कैपिटेशन फीस पर रोक लगाएगा. इसके अलावा छात्रों को एक ही राज्य में दाखिले के लिए कई एजेंसियों में आवेदन नहीं करना पड़ेगा .
गौरतलब है कि सीबीएसई द्वारा एनईईटी यूजी 2016 आयोजित किए जाने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों के परामर्श से पिछले साल अगस्त में 2016-17 सत्र के लिए एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिये संयुक्त काउंसलिंग कराने हेतु एक परामर्श जारी किया था.
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के दिशानिर्देशों में किए गए संशोधनों के मुताबिक नामित प्राधिकार केंद्र या राज्य सरकार, विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय, ट्रस्ट, सोसाइटी, कंपनी, अल्पसंख्यक संस्थानों या निगमों द्वारा स्थापित सभी चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में साझा काउंसलिंग करेगा.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि देश में एकल मेडिकल प्रवेश परीक्षा शुरू किए जाने के बाद एक ऐतिहासिक फैसले के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब मेडिकल पाठ्यक्रमों में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर प्रवेश के लिए राज्य स्तर पर दाखिले के लिए साझा काउंसलिंग का प्रावधान किया है.
इस प्रावधान के साथ छात्रों को एक ही राज्य में दाखिले के लिए कई एजेंसियों में आवेदन नहीं करना होगा. इसने कहा है कि यह कदम दाखिला प्रक्रिया में पारदर्शिता लाएगा और निजी कॉलेजों द्वारा लिए जाने वाले कैपिटेशन फीस पर रोक लगाएगा. इसके अलावा छात्रों को एक ही राज्य में दाखिले के लिए कई एजेंसियों में आवेदन नहीं करना पड़ेगा .
गौरतलब है कि सीबीएसई द्वारा एनईईटी यूजी 2016 आयोजित किए जाने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों के परामर्श से पिछले साल अगस्त में 2016-17 सत्र के लिए एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिये संयुक्त काउंसलिंग कराने हेतु एक परामर्श जारी किया था.
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