कॉलेज और यूनिवर्सिटी ढूंढ रहे हैं जेंडर चैम्पियंस, लड़का या लड़की कोई भी हो सकता  

जेंडर चैम्पियंस शैक्षणिक संस्थानों में पंजीकृत 16 साल की आयु से अधिक के लड़के और लड़कियां दोनों हो सकते हैं और वे अपने स्कूलों, कॉलेजों तथा अकादमिक संस्थानों के भीतर ऐसा माहौल बनाएंगे, जहां लड़कियों से सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार हो.

कॉलेज और यूनिवर्सिटी ढूंढ रहे हैं जेंडर चैम्पियंस, लड़का या लड़की कोई भी हो सकता  

नई दिल्ली:

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) ने सभी विश्वविद्यालयों और मान्यता प्राप्त कॉलेजों (all universities and affiliated colleges) से उन छात्रों में से ‘जेंडर चैम्पियंस' का जल्द नामांकन सुनिश्चित करने को कहा है जो परिसरों को अधिक समावेशी बनाने और लैंगिक संवेदनशीलता का प्रसार करने के प्रयासों की अगुवाई करेंगे. भारत में उच्च शिक्षा के लिए शीर्ष नियामक संस्था ने संस्थानों से अनुपालन की जानकारियां ऑनलाइन भरने को भी कहा है.

यूजीसी सचिव रजनीश जैन ने कुलपतियों और कॉलेज के प्राध्यापकों को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘बराबरी के व्यवहार को बढ़ावा देने वाला माहौल पैदा करने के लिए सरकार देशभर के सभी शैक्षणिक संस्थानों में जिम्मेदार नेताओं के तौर पर जेंडर चैम्पियंस की परिकल्पना करती है.''

उन्होंने कहा कि जेंडर चैम्पियंस शैक्षणिक संस्थानों में पंजीकृत 16 साल की आयु से अधिक के लड़के और लड़कियां दोनों हो सकते हैं और वे अपने स्कूलों, कॉलेजों तथा अकादमिक संस्थानों के भीतर ऐसा माहौल बनाएंगे, जहां लड़कियों से सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार हो.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

उन्होंने कहा, ‘‘अत: आपसे एक बार फिर अनुरोध किया जाता है कि आप छात्रों के हित में अपने विश्वविद्यालय और मान्यता प्राप्त कॉलेजों में ‘शिक्षण संस्थानों में जेंडर चैम्पियंस के लिए दिशा निर्देशों' को तत्काल लागू करें ताकि दीर्घकालीन सतत परिवर्तन को हासिल किया जा सके.'' यूजीसी ने 2015 में पहली बार ये दिशा निर्देश जारी किए थे.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)