CBSE Syllabus 2020-21: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) ने कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के चलते साल 2020-21 के लिए क्लास 9वीं से लेकर 12वीं तक का पाठ्यक्रम 30 प्रतिशत तक घटा दिया है. दरअसल, कोरोनावायरस महामारी के कारण देशभर के अधिकतर स्कूल बंद हैं और ऐसे में स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. इसी के चलते क्लासरूम में स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए पर्याप्त वक्त न होने के कारण 9वीं से 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स के पाठ्यक्रम को सीबीएसई (CBSE) द्वारा 30 प्रतिशत तक घटा दिया गया है.
हालांकि, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (HRD Minister Ramesh Pokhriyal Nishank) के मुताबिक, जिन टॉपिक्स को पाठ्यक्रम से हटाया गया है, उन्हें भी स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाएगा ताकि उनके कॉन्सेप्ट्स क्लीयर रहें. इसका मतलब यह है कि 11वीं के 2020-21 के शैक्षणिक वर्ष के दौरान स्टूडेंट्स ''राजनीतिक विज्ञान में संविधान में संघवाद के बारे में नहीं पढ़ेंगे''. सीबीएसई की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, ''नागरिकता, धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद आदि पाठों को भी हटा दिया गया है''.
वहीं, 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में से ''भारत के अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंध को हटा दिया गया है. इसके अलावा सामाजिक आंदोलनों, भारत के आर्थिक विकास की बदलती प्रकृति और योजना आयोग आदि पाठों को भी हटा दिया गया है''. बिजनेस स्टडीज के स्टूडेंट्स ''भारत में उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण के विशेष संदर्भ के साथ व्यापार, सरकारीकरण, माल और सेवा कर की अवधारणा का अध्ययन नहीं करेंगे''.
इसके अलावा इतिहास के स्टूडेंट्स ''विभाजन, जमींदारों या किसानों के बारे में कुछ नहीं पढ़ेंगे''. वहीं 11वीं के अंग्रेजी के स्टूडेंट्स के पाठ्यक्रम में से ''एडिटर को लेटर लिखें, और नौकरी के लिए रिज्यूम के साथ अप्लाई करें,'' जैसी चीजों को हटा दिया गया है.
कक्षा 10 के छात्रों के लिए, ''समकालीन भारत में वनों और वन्य जीवन पर सामाजिक विज्ञान के चैप्टर को हटा दिया गया है, साथ ही लोकतंत्र और विविधता पर अध्याय, लिंग, धर्म और जाति, लोकप्रिय संघर्ष और आंदोलन, और लोकतंत्र के लिए चुनौतियां, आदि'' चैप्टर्स को भी पाठ्यक्रम में से हटा दिया गया है.
10वीं के विज्ञान के पाठ्यक्रम से ''मानव आंख के अध्याय को, विकास की बुनियादी अवधारणाओं के साथ हटा दिया गया है''. इसके अलावा कई प्रेक्टिकल एक्सपेरिमेंट्स को भी इस वजह से हटा दिया गया है क्योंकि स्टूडेंट्स को इस शैषणिक वर्ष में लैब में अधिक वक्त नहीं मिल पाएगा.
हालांकि, सीबीएसई द्वारा स्कूल के प्रिंसिपल और टीचर्स को सलाह दी गई है कि जिन टॉपिक्स को पाठ्यक्रम से हटाया गया है, उन्हें भी स्टूडेंट्स को एक बार पढ़ाया जाए. लेकिन एक बयान के मुताबिक, ''हटाया गया पाठ्यक्रम इंटरनल असेसमेंट और बोर्ड की परीक्षाओं का हिस्सा नहीं होगा.''
आप यहां क्लिक कर के 9वीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स के हटाए गए पाठ्यक्रम को देख सकते हैं.
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