CBSE कक्षा 12वीं के ग्रेडिंग सिस्टम में नौ प्वाइंट्स, A1 हाईएस्ट ग्रेड और E है सबसे Lowest ग्रेड

इस साल सीबीएसई ने रिजल्ट को लेकर कई बदलाव किए हैं. सीबीएसई पहले ही कह चुका है कि वह न तो परसेंटेज जारी करेगा, ना ही डिविजन ना ही टॉपरों की लिस्ट. ऐसे में सीबीएसई 12वीं के छात्रों के लिए सीबीएसई ग्रेडिंग प्रणाली को सीखना और समझना महत्वपूर्ण हो जाता है.

CBSE कक्षा 12वीं के ग्रेडिंग सिस्टम में नौ प्वाइंट्स, A1 हाईएस्ट ग्रेड और E है सबसे Lowest ग्रेड

CBSE कक्षा 12वीं में ग्रेडिंग सिस्टम में नौ प्वाइंट्स

नई दिल्ली:

CBSE Class 12th Board Exams Grading System:सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा अगले हफ्ते से शुरू होने जा रही हैं, जिसके लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने लगभग सारी तैयारी पूरी कर ली है. बोर्ड ने सीबीएसई कक्षा 10वीं, 12वीं एडमिट कार्ड जारी कर दिया है और स्टूडेंट को उनका परीक्षा केंद्र भी अलॉट कर दिया है. सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए बहुत महत्व रखती है, क्योंकि इस परीक्षा के नतीजे ही बच्चों के भविष्य को तय करते हैं. हालांकि इस साल सीबीएसई ने रिजल्ट को लेकर कई बदलाव किए हैं. सीबीएसई पहले ही कह चुका है कि वह न तो परसेंटेज जारी करेगा, ना ही डिविजन ना ही टॉपरों की लिस्ट. ऐसे में सीबीएसई 12वीं के छात्रों के लिए सीबीएसई ग्रेडिंग प्रणाली को सीखना और समझना महत्वपूर्ण हो जाती है. 

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सीबीएसई कक्षा 12वीं ग्रेडिंग स्कीम योजना का उद्देश्य पारंपरिक अंक-आधारित मूल्यांकन पद्धति से हटकर विद्यार्थियों का समग्र रूप से मूल्यांकन करना है. सीबीएसई के ग्रेडिंग सिस्टम में नौ प्वाइंट्स है, जिसमें A1 हाईएस्ट ग्रेड है और E (रीक्वायर इम्प्रूवमेंट) सबसे लोवेस्ट ग्रेड है. प्रत्येक ग्रेड में अंकों की एक समान श्रेणी है. उदाहरण के लिए, 91 और 100 के बीच के अंकों को ए1 दिया जाता है, 81 से 90 के बीच के अंकों को ए2 दिया जाता है, बाकी सबके लिए भी ऐसा ही है. 

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किसी भी छात्र को 12वीं में मिले ग्रेड उसके एजुकेशन और प्रोफेशनल निर्णय पर प्रभाव डालते हैं. इस ग्रेडिंग प्रणाली का पालन करने के लिए कई संस्थानों और कॉलेजों ने अपनी एडमिशन क्राइटेरिया में बदलाव किया है. कटऑफ के लिए, ग्रेड को प्रतिशत प्रारूप में बदला जाता है. ऐसे में छात्रों को यह जरूर जानना चाहिए कि आखिर ये मानदंड उनके ग्रेड से कैसे प्राप्त होते हैं. कभी-कभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश के समय ग्रेड के बजाय अंक पूछे जाते हैं. इसलिए ग्रेड के साथ-साथ स्टूडेंट को नंबर और प्रतिशत की भी पूरी जानकारी होनी चाहिए.

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सीबीएसई का ग्रेडिंग सिस्टम

ग्रेड A1, ग्रेड प्वाइंट्स-10 का मतलब है कि आपका पर्सेंटेज रेंज 91 से 100% के बीच है. वहीं ग्रेड B1, ग्रेड प्वाइंट्स-8 का मतलब है कि आपका पर्सेंटेज रेंज 71 से 80% के बीच है. ग्रेड B2, ग्रेड प्वाइंट्स-7 का मतलब है कि आपका पर्सेंटज रेंज 61 से 70% के बीच है. ग्रेड C1, ग्रेड प्वाइंट्स-6 का मतलब है कि आपका पर्सेंटज रेंज 51 से 60% के बीच है. ग्रेड C2, ग्रेड प्वाइंट्स-5 का मतलब है कि आपका पर्सेंटज रेंज 41 से 50% के बीच, ग्रेड D1, ग्रेड प्वाइंट्स-4 का मतलब है कि आपका पर्सेंटज रेंज 31 से 40% के बीच है. ग्रेड D2,ग्रेड प्वाइंट्स-3 का मतलब है कि आपका पर्सेंटज रेंज 21 से 30% के बीच,ग्रेड E,ग्रेड प्वाइंट्स-2 का मतलब है कि आपका पर्सेंटज रेंज 0 से 20% के बीच होगा. 
  

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