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This Article is From May 26, 2017

CBSE 12th Result 2017: जानिए क्या है सीबीएसई की मॉडरेशन पॉलिसी

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा तीन सेट के प्रश्नपत्रों के जरिए लेता है. अगर किसी विषय के तीन सेट के लिए कठिनाई का स्तर अलग-अलग हो तो बोर्ड इसमें एकरूपता लाने के लिए इसे मॉडरेट करता है. यही मॉडरेशन पॉलिसी है.

CBSE 12th Result 2017: जानिए क्या है सीबीएसई की मॉडरेशन पॉलिसी
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
दिल्ली: CBSE Class 12th Result रविवार यानि 28 मई को घोषित किए जाएंगे. साथ ही सीबीएसई की तरफ से कहा गया है कि मॉडरेशन पॉलिसी पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का पालन किया जाएगा. इससे पहले बोर्ड ने फैसला किया था कि वह हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगा. इस साल 12वीं की परीक्षाएं 9 मार्च 2017 से 29 अप्रैल 2017 के बीच आयोजित की गई थीं, जिसमें 10,98,981 छात्रों ने हिस्‍सा लिया था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.82 फीसदी ज्‍यादा थी. देश भर में 10,678 केंद्रों पर 12वीं कक्षा की परीक्षाओं का आयोजन किया गया था.

मॉडरेशन पॉलिसी पर हाईकोर्ट ने क्या कहा
सीबीएसई ने 25 अप्रैल को मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म करने का नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसे कुछ अभिभावकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इसके बाद एक्टिंग मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और जस्टिस  प्रतिभा एम सिंह की बेंच ने कहा कि जब इस साल 12वीं कक्षा के लिए छात्र परीक्षा दे चुके हैं तो ऐसे में यह पॉलिसी बदली नहीं जा सकती. सीबीएसई इस पॉलिसी को फिलहाल उन छात्रों के लिए जारी रखे जो इस वर्ष एग्जामिनेशन फॉर्म जमा कर चुके हैं. जब परीक्षा फॉर्म भरे जाते हैं तो सभी को पता होता है कि इसके नियम क्या हैं. जब खेल शुरू हो चुका हो तो नियम बदले नहीं जा सकते. बेंच ने कहा कि छात्रों को असुरक्षा की भावना पैदा न कीजिए.

क्या है मॉडरेशन पॉलिसी 
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा तीन सेट के प्रश्नपत्रों के जरिए लेता है. अगर किसी विषय के तीन सेट के लिए कठिनाई का स्तर अलग-अलग हो तो बोर्ड इसमें एकरूपता लाने के लिए इसे मॉडरेट करता है. यही मॉडरेशन पॉलिसी है. इस पॉलिसी के तहत जब बारहवीं में पेपर कठिन आता है तो स्टूडेंट्स आपत्ति जताते हैं, और उन्हें ऐसे सवालों के पूरे अंक दिए जाते हैं. यह फुल मार्क्स उन स्टूडेंट्स को दिए जाते हैं, जिन्होंने कॉपी में सवाल को थोड़ा भी हल करने की कोशिश की थी. पेपर में प्रश्न गलत आने पर भी मॉडरेशन पॉलिसी को फॉलो किया जाता है. इसके तहत उस सवाल के पूरे अंक दिए जाते हैं.

बोर्ड ने क्‍यों खत्‍म की थी मॉडरेशन पॉलिसी
स्टूडेंट्स को मॉडरेशन पॉलिसी की वजह से लगभग 8 से 10 अंक तक अधिक मिलते थे, जिसकी वजह से 95 फीसदी और इससे अधिक अंक स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स की संख्‍या बढ़ गई थी. कॉलेज एडमिशन में बढ़ते कॉम्पिटीशन और 95 फीसदी से अधिक नंबर स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए बोर्ड ने इस तरह का फैसला लिया था. पिछले साल दिसंबर में इस बारे में सीबीएसई ने एमएचआरडी को रिक्वेस्ट की थी कि मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म किया जाए.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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