
CBSE 10th Result 2021: दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE), केंद्र और दिल्ली सरकार को एक नोटिस भेजा है. दरअसल, हाई कोर्ट में स्कूल द्वारा किए गए आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा 2021 के अंकों के लिए टैबुलेशन पॉलिसी में मोडिफिकेशन यानी संशोधन को लेकर एक याचिका दायर की गई है. 10वीं के परिणाम के लिए अपनाई जा रही टैबुलेशन पॉलिसी में संशोधन की मांग करने वाली याचिका पर अदालत ने सीबीएई, केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस भेजा है.
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ ने तीनों को संगठन - जस्टिस फॉर ऑल द्वारा दायर याचिका पर तीनों से जवाब दाखिल करने के लिए भी कहा है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने 14 अप्रैल को देशभर में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया था और कहा था कि रिजल्ट सीबीएसई द्वारा विकसित किए जाने वाले ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया के आधार पर तैयार किया जाएगा.
अदालत ऑर्गेनाइजेशन- जस्टिस फॉर ऑल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें सीबीएसई और अन्य को निर्देश देने की मांग की गई कि 1 मई, 2021 को सीबीएसई द्वारा जारी आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं के अंकों के लिए नीति में मोडिफिकेशन किया जाए.
याचिका में आगे उत्तरदाताओं को आदेश या निर्देश देने की मांग की गई है कि वे बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों को परिणाम की गणना करने और सीबीएसई पोर्टल पर अपलोड करने से पहले अपने स्कूलों की संबंधित वेबसाइटों पर मूल्यांकन के लिए संशोधित मानदंड के डॉक्यूमेंट्स प्रकाशित करने को कहें, ताकि छात्र इसे एक्सेस कर सकें और अपनी शिकायतों को समय पर उठा सकें.
इसके अलावा सीबीएसई से उनके संबंधित स्कूलों को कक्षा 11वीं में छात्रों के लिए स्ट्रीम का चयन करने के लिए मानदंड को उनकी संबंधित वेबसाइटों पर प्रकाशित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है.
याचिका में सीबीएसई को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि भविष्य में अंकों के सत्यापन के लिए छात्रों का रिकॉर्ड उनके पास भी रखा जाए या यह सुनिश्चित किया जाए कि स्कूलों द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष है.
इसके साथ ही वर्ष 2020-21 के परिणामों के लिए अंकों के सत्यापन / पुनर्मूल्यांकन की नीति को रद्द नहीं करने और सीबीएसई से स्कूलों के बजाए ऑब्जेक्टिव टाइप कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित करने की मांग की गई है.
बता दें कि याचिका वकील शिखा शर्मा बग्गा ने दायर की है और संगठन का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता खगेश बी झा कर रहे हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं