प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद लगता है कि बिहार बोर्ड के मैट्रिक और इंटर के परिणाम अप्रैल महीने के अंत से पहले घोषित नहीं हो सकेंगे. बिहार बोर्ड ने मैट्रिक मूल्यांकन 5 मार्च से शुरू किया था, जिसे समाप्त करने का तय समय था 15 मार्च लेकिन कई मूल्यांकन केन्द्रों पर अभी तक कार्य पूरा नहीं किया जा सका है. बता दें कि इंटर मूल्यांकन के लिए 81 केंद्र बनाये गये थे.
बीते साल बोर्ड ने इंटर के छात्रों का परिणाम मई माह के अंत तक घोषित कर दिया था, तो वही मैट्रिक की परीक्षाओं का परिणाम जून महीने मे घोषित किया गया था. दोनों कक्षाओं के छात्रों का पासिंग प्रतिशत निराशाजनक रहा था.साल 2017 में भी बोर्ड द्वारा मूल्यांकन से जुड़ी अनियमितताओं को लेकर विवादों में रहा था. इन्हीं चीजों को ध्यान में रहते हुये और छात्रों के पासिंग प्रसेंटेज में बढ़ोतरी के लिए इस साल बोर्ड ने हर विषय में 50 फीसदी ऑब्जेक्टिव सवाल जोड़े थे. परिणाम घोषित होने के बाद बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट biharboard.ac.in पर देखे जा सकते हैं, चूंकि मैट्रिक में मूल्यांकन पहले खत्म हो रहा है इसलिए इंटर के पहले इसका रिजल्ट तैयार रहेगा.
गौरतलब है कि इस साल 21 फरवरी से 28 फरवरी तक आयोजित हुई मैट्रिक की परीक्षा में तकरीबन 17.68 लाख परीक्षार्थी शामिल हुये थे. इन परीक्षार्थियों के लिए 1426 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. इस साल बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित 12वीं की परीक्षा के दौरान नकल के मामलों पर भी सख्ती बरती गयी थी. परीक्षा के दौरान नकल के आरोप में लगभग 1,000 परीक्षार्थियों को निष्कासित कर दिया गया.
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बीते साल बोर्ड ने इंटर के छात्रों का परिणाम मई माह के अंत तक घोषित कर दिया था, तो वही मैट्रिक की परीक्षाओं का परिणाम जून महीने मे घोषित किया गया था. दोनों कक्षाओं के छात्रों का पासिंग प्रतिशत निराशाजनक रहा था.साल 2017 में भी बोर्ड द्वारा मूल्यांकन से जुड़ी अनियमितताओं को लेकर विवादों में रहा था. इन्हीं चीजों को ध्यान में रहते हुये और छात्रों के पासिंग प्रसेंटेज में बढ़ोतरी के लिए इस साल बोर्ड ने हर विषय में 50 फीसदी ऑब्जेक्टिव सवाल जोड़े थे. परिणाम घोषित होने के बाद बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट biharboard.ac.in पर देखे जा सकते हैं, चूंकि मैट्रिक में मूल्यांकन पहले खत्म हो रहा है इसलिए इंटर के पहले इसका रिजल्ट तैयार रहेगा.
गौरतलब है कि इस साल 21 फरवरी से 28 फरवरी तक आयोजित हुई मैट्रिक की परीक्षा में तकरीबन 17.68 लाख परीक्षार्थी शामिल हुये थे. इन परीक्षार्थियों के लिए 1426 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. इस साल बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित 12वीं की परीक्षा के दौरान नकल के मामलों पर भी सख्ती बरती गयी थी. परीक्षा के दौरान नकल के आरोप में लगभग 1,000 परीक्षार्थियों को निष्कासित कर दिया गया.
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