नयी दिल्ली:
देश में तकनीकी संस्थानों द्वारा अत्यधिक फीस लिए जाने के छात्रों की शिकायतों के मद्देनजर एआईसीटीई द्वारा गठित समिति ने इन संस्थानों द्वारा ली जाने वाली ट्यूशन फीस और विकास शुल्क की अधिकतम सीमा की सिफारिश की है.
लोकसभा में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पांडे ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि देश में निजी तकनीकी संस्थानों द्वारा ली जाने वाली फीस की सिफारिश करने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाली एक कमेटी गठित की है.
मंत्री ने कहा कि कमेटी ने इन संस्थानों द्वारा ली जाने वाली ट्यूशन फीस और विकास शुल्क की अधिकतम सीमा की सिफारिश की है. इसके अलावा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शुल्क समिति (फीस कमेटी) की सिफारिशों का पालन करने का भी निर्देश दिया गया है.
उन्होंने कहा कि एआईसीटीई ने कई कॉलेजों पर जुर्माना भी लगाया है और छात्रों से अत्यधिक फीस या कैपिटेशन फीस लेने को लेकर कॉलेजों को चेतावनी भी दी है.
लोकसभा में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पांडे ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि देश में निजी तकनीकी संस्थानों द्वारा ली जाने वाली फीस की सिफारिश करने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाली एक कमेटी गठित की है.
मंत्री ने कहा कि कमेटी ने इन संस्थानों द्वारा ली जाने वाली ट्यूशन फीस और विकास शुल्क की अधिकतम सीमा की सिफारिश की है. इसके अलावा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शुल्क समिति (फीस कमेटी) की सिफारिशों का पालन करने का भी निर्देश दिया गया है.
उन्होंने कहा कि एआईसीटीई ने कई कॉलेजों पर जुर्माना भी लगाया है और छात्रों से अत्यधिक फीस या कैपिटेशन फीस लेने को लेकर कॉलेजों को चेतावनी भी दी है.
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