विदेश में बच्चों की पढ़ाने के लिए भारतीयों की पहली पसंद है अमेरिका

विदेश में बच्चों की पढ़ाने के लिए भारतीयों की पहली पसंद है अमेरिका

अमेरिका को महंगा गंतव्य माना जाता है, लेकिन इसके बावजूद विदेश में अपने बच्चों की विश्वविद्यालय की पढ़ाई के लिए यह भारतीय अभिभावकों की पहली पसंद है. 

एचएसबीसी की ‘द वैल्यू ऑफ एजुकेशन फाउंडेशंस फॉर द फ्यूचर’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 50 देशों की सूची में 58 प्रतिशत भारतीय अभिभावकों के पहले तीन पसंदीदा देशों में अमेरिका आता है. हालांकि अमेरिका सबसे महंगा गंतव्य है। यहां विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय छात्र-छात्राओं के लिए औसत वार्षिक ट्यूशन फीस 33,215 डॉलर है.

रिपोर्ट में 15 देशों ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, मिस्र, फ्रांस, हांगकांग, भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, मेक्सिको, सिंगापुर, ताइवान, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और अमेरिका के 6,241 अभिभावकों के विचारों को शामिल किया गया है.

एचएसबीसी इंडिया के खुदरा बैंकिंग व संपदा प्रबंधन प्रमुख एस रामकृष्णन ने कहा, 'अपने बच्चों को किसी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ाना ज्यादातर अभिभावकों की आकांक्षा होती है, लेकिन इसकी लागत काफी ऊंची बैठती है. रहने के खर्च, विमान किराया और ट्यूशन फीस का बोझ अभिभावकों को उठाना पड़ता है.’ जहां तक भारतीय अभिभावकों की बात है, तो अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए उनके पहले दिन पसंदीदा देशों में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन आते हैं.


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