देश में भ्रष्टाचार बढ़ा या घटा है, यह सवाल सभी के ज़हन में होता है. खास तौर पर मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद यह सवाल बना हुआ है. केंद्रीय सतर्कता आयोग ने इस संबंध में हाल ही में अपनी रिपोर्ट में कई बातें साफ की हैं. साल 2011 के बाद से इस साल भ्रष्टाचार की सबसे कम शिकायतें मिली हैं. इतना ही नहीं बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा शिकायतें रेलवे और बैंकों से जुड़ी प्राप्त हुई हैं.
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की एक ताजा रपट के अनुसार बीते साल उसे भ्रष्टाचार से जुड़ी सबसे अधिक शिकायतें रेलवे व सार्वजनिक बैंकों के खिलाफ मिली. सालाना रपट के अनुसार 2017 में आयोग को मिलने वाली शिकायतों में पूर्व वर्ष की तुलना में 52 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई.
संसद में हाल ही में पेश रपट के अनुसार आयोग को 2017 में कुल 23,609 शिकायतें मिलीं जो कि 2011 के बाद सबसे कम है. वर्ष 2016 में आयोग को 49,847 शिकायतें मिली थीं.
इसमें कहा गया है, ज्यादातर शिकायतों के आरोप अस्पष्ट या ऐसे पाये गए जिनका सत्यापन नहीं किया जा सके. आयोग को राज्य सरकारों व अन्य संगठनों में काम कर रहे लोकसेवकों के खिलाफ भी अनेक शिकायतें मिलीं जो कि आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते या प्रशासनिक प्रकृति के हैं.
रपट में कहा गया है कि आयोग को 2015 में भ्रष्टाचार की 29,838 शिकायतें मिलीं. इससे पहले 2012 में यह संख्या 37,039 जबकि 2013 में 31,432 तथा 2014 में 62,362 रही. (इनपुट भाषा से भी)