विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने कहा कि दावोस में होने वाली उसकी वार्षिक बैठक में दुनियाभर के नेताओं से तत्काल आर्थिक, ऊर्जा और खाद्यान संकट के मुद्दे उठाने तथा अधिक सतत तथा मजबूत दुनिया के लिए जमीनी कार्य करने का आह्वान किया जाएगा. डब्ल्यूईएफ ने कहा कि यह पांच दिवसीय वार्षिक सम्मेलन 16 से 20 जनवरी तक स्विट्जरलैंड के दावोस में होगा. डब्ल्यूईएफ ने इसमें एशियाई महाद्वीप, खासकर चीन और जापान जैसे देशों की महत्वपूर्ण भागीदारी की उम्मीद जताई.
भारत से उद्योग जगत व अन्य क्षेत्रों की लगभग 100 हस्तियों के अलावा कम से कम चार केंद्रीय मंत्रियों- मनसुख मांडविया, अश्विनी वैष्णव, स्मृति ईरानी और आरके सिंह व तीन मुख्यमंत्रियों- योगी आदित्यनाथ, एकनाथ शिंदे और बीएस बोम्मई के इस सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है.
डब्ल्यूईएफ के 53वें वार्षिक सम्मेलन का विषय 'खंडित दुनिया में सहयोग' होगा और इसमें 52 राष्ट्र प्रमुखों के साथ-साथ 130 देशों से लगभग 2,700 हस्तियां शामिल होंगी.
सम्मेलन में भाग लेने वाले शीर्ष नेताओं में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, यूरोपीय संसद के अध्यक्ष रॉबर्ट मेट्सोला, दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक-येओल, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल एम रामफोसा, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज, स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति अलैन बेरसेट और फिनलेंड की प्रधानमंत्री सना मारिन आदि हैं.
सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालीन जॉर्जीवा, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की महानिदेशक नगोजी ओकोन्जो इवेला, नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टनबर्ग और डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधोनोम घेब्रेयेसुस भी भाग लेंगे.