यूनिटेक की गुड़गांव सेक्टर 70 की विस्टा सोसाइटी मामले में 39 खरीददारों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने सभी खरीदारों को रजिस्ट्री में जमा 15 करोड़ रुपये में से अपनी मूल राशि दस्तावेज दिखाकर लेने को कहा है. कोर्ट ने यूनिटेक को चार हफ्ते के भीतर दो करोड़ रुपये रजिस्ट्री में जमा कराने का आदेश भी दिया है.
जनवरी के दो सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट ये तय करेगा कि ब्याज कितना देना होगा. यह ब्याज फ्लैट खरीदारों को कंपनी में जमा कराई गई धनराशि के अनुपात में दिया जाएगा.
आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान बिल्डर पर सुप्रीम कोर्ट काफी सख्त रहा और दो मुहावरों का प्रयोग भी किया. कोर्ट ने 'विश्वास उठ गया तो सब कुछ चला गया' (Faith is lost, everything is lost) और 'रोम एक दिन में नहीं बना' (Rome was not built in a day) का प्रयोग किया.
कोर्ट ने कहा कि प्रॉपर्टी डेवलपर को समझौते के नियमों के साथ रहना चाहिए ताकि वह लोगों में भरोसा दिला सके जो लोग घर का सपना देखते हैं. कोर्ट ने आगे कहा कि लेकिन, यहां यूनिटेक को अलग अलग बहानों से देरी नहीं करने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
गुड़गांव की विस्टा सोसाइटी में ग्राहकों को तय वक्त पर फ्लैट ना देने का मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इससे पहले यूनिटेक कंपनी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा था. सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को मूलधन से 15 करोड़ रुपये सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री में जमा कराने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि ग्राहकों को उनका पैसा मिलना चाहिए जो लेना चाहते हैं. ये आदेश 38 ग्राहकों की याचिका पर दिए गए.
कोर्ट ने कहा था कि इसके बाद वो ये तय करेगा कि फ्लैट ना देने पर ग्राहकों को कितना ब्याज दिया जाए.