दिग्गज कंपनियों के शेयरों में तेजी के बल पर शेयर बाजार ने इस साल जबरदस्त बढ़त हासिल की, लेकिन छोटी व मझोली कंपनियों के शेयरों के लिए यह साल मुश्किलों वाला रहा और उन्हें 16 प्रतिशत तक नुकसान हुआ।
शेयर बाजार का सूचकांक 2013 की समाप्ति सात प्रतिशत से अधिक की तेजी के साथ करने जा रहा है, लेकिन इस तरह की तेजी बाजार में उपलब्ध ज्यादातर शेयरों में देखने को नहीं मिली।
इस साल अभी तक बीएसई के मिडकैप सूचकांक में करीब 10 प्रतिशत और स्मालकैप सूचकांक में 16 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। वहीं पिछले साल इन दो सूचकांकों का प्रदर्शन जबरदस्त रहा था और इन्होंने 40 प्रतिशत तक रिटर्न दिया था। दूसरी ओर, सेंसेक्स में करीब 25 प्रतिशत की ही बढ़त दर्ज की गई थी।
विश्लेषकों ने कहा कि छोटी और मझोली कंपनियों के शेयरों के प्रति निवेशकों का रझान कम रहा जिसकी वजह से इन शेयरों में तेजी नहीं आई।
उन्होंने कहा कि छोटे निवेशकों ने ज्यादातर पैसा मझोली व छोटी कंपनियों के शेयरों में लगा रखा था, लेकिन हाल के महीनों में उनकी भागीदारी घटी है। चीजें खराब होने पर वे कम मूल्य पर शेयर बेचकर बाहर हो लिये।