शेयर बाजार में सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सुबह के समय दोनों ही प्रमुख सूचकांकों में गिरावट देखने को मिल रही है. दोनों ही सूचकांक आधे प्रतिशत से ज्यादा नीचे गिरे हुए हैं. सेंसेक्स 0.58 प्रतिशत और निफ्टी 0.63 प्रतिशत नीचे गिरकर कारोबार कर रहे थे. सेंसेक्स में 378 अंक गिरकर 64944 पर और निफ्टी 121 गिरकर 19306 पर कारोबार कर रहा था. निफ्टी 50 में 46 शेयरों में डिक्लाइन देखने को मिल रहा है जबकि केवल 3 शेयरों में एडवांसेस है. यहां पर जिन शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी देखी जा रही है उनमें ONGC, NTPC, COALINDIA के शेयर शामिल हैं जबकि जिन शेयरों में ज्यादा गिरावट देखने को मिल रही है उनमें TATAMOTORS, BAJAJFINSV, JSWSTEEL के शेयर शामिल हैं.
बता दें कि स्थानीय शेयर बाजार में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 365 अंक से अधिक के नुकसान में रहा था. एशियाई और यूरोपीय बाजारों के नकारात्मक रुख के बीच बैंक, दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली तथा औषधि कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से दोनों मानक सूचकांक नुकसान में रहे थे.
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा और अचानक से बैंकों से अतिरिक्त नकदी निकालने की घोषणा के बाद बाजार में धारणा कमजोर बनी हुई है. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 365.53 अंक यानी 0.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65,322.65 अंक पर बंद हुआ था. कारोबार के दौरान एक समय यह 413.57 अंक तक लुढ़क गया था.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 114.80 अंक यानी 0.59 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,428.30 अंक पर बंद हुआ था.
सेंसेक्स के शेयरों में इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, एशियन पेंट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, जेएसडब्ल्यू स्टील, टेक महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, इन्फोसिस, विप्रो, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व, एचडीएफसी बैंक और टाटा मोटर्स प्रमुख रूप से नुकसान में रहे थे.
दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में एचसीएल टेक्नोलॉजीज, पावरग्रिड, टाइटन, रिलायंस इंडस्ट्रीज, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील, भारतीय स्टेट बैंक और महिंद्रा एंड महिंद्रा शामिल थे.
गौरतलब है कि आरबीआई ने बृहस्पतिवार को लगातार तीसरी बार नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया है. हालांकि, खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ने से कुल महंगाई बढ़ती है, तो केंद्रीय बैंक ने कड़े कदम उठाने के संकेत दिया है. साथ ही बैंकों से अतिरिक्त नकदी लेने के लिये वृद्धिशील नकद आरक्षित अनुपात (आई-सीआरआर) बढ़ाकर शुद्ध मांग और देनदारी (एनडीटीएल) का 10 प्रतिशत कर दिया है.