खाद्य वस्तुएं महंगी होने की वजह से सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 4.41 प्रतिशत पर पहुंच गई। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में 3.74 प्रतिशत थी। सरकार ने अगस्त के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान पूर्व के 3.66 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.74 प्रतिशत कर दिया है।
हालांकि, समीक्षाधीन माह के लिए खुदरा मुद्रास्फीति पिछले साल अगस्त की तुलना में कम है। पिछले साल अगस्त में यह 5.63 प्रतिशत थी। आलोच्य माह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 3.88 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो अगस्त में 2.20 प्रतिशत थी। दालों एवं उत्पाद वर्ग में खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 29.76 प्रतिशत पहुंच गई। यद्यपि खाद्य एवं पेय वर्ग में मुद्रास्फीति एक माह पूर्व की तुलना में लगभग दोगुनी होकर 4.29 प्रतिशत पर पहुंच गई, मोटे अनाजों व उत्पादों की मुद्रास्फीति भी 1.38 प्रतिशत रही।
हालांकि, प्रोटीन समृद्ध वस्तुओं जैसे मीट और मछली आदि की मुद्रास्फीति घटकर 5.59 प्रतिशत रही। इसी तरह, दूध और दुग्ध उत्पादों की मुद्रास्फीति भी सितंबर में घटकर 5.05 प्रतिशत रही। आलोच्य माह के दौरान अंडा की मुद्रास्फीति 1.19 प्रतिशत रही। मोटे अनाज और उत्पादों की मुद्रास्फीति 1.38 प्रतिशत रही।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, चीनी और मिठाई वर्ग में मुद्रास्फीति शून्य से नीचे 12.91 प्रतिशत रही। वहीं मसाला वर्ग में मुद्रास्फीति 9.27 प्रतिशत रही। इस दौरान, ग्रामीण क्षेत्र के लिए खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 5.05 प्रतिशत, जबकि शहरी इलाकों के लिए यह 3.61 प्रतिशत रही।