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RBI एक बार फिर रेपो रेट में कर सकता है 0.25% की बढ़ोतरी, बढ़ेगा EMI का बोझ

RBI MPC Meeting 2023: मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने मई, 2022 से लगातार नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी का रुख अपनाया हुआ है. इस दौरान रेपो दर (Repo Rate) चार प्रतिशत से बढ़कर 6.50 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है.
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NDTV Profit हिंदी05:03 PM IST, 02 Apr 2023NDTV Profit हिंदी
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RBI MPC Meeting 2023: अगले सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy committee) बैठक शुरू होने जा रही है. केंद्रीय बैंक की द्विमासिक समीक्षा बैठक 3 अप्रैल से शुरू होगी. यह बैठक तीन दिन तक चलने वाली है. जिसके बाद यह 6 अप्रैल को नीतिगत दर संबंधी फैसले के साथ खत्म होगी. 6 अप्रैल को आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) नीतिगत दर में बदलाव (Policy Rate Revise) की घोषणा कर सकते हैं. खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बने रहने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fedral Reserve) समेत कई केंद्रीय बैंकों के आक्रामक रुख के बीच आरबीआई भी एमपीसी (MPC) बैठक के बाद रेपो रेट (Repo Rate) में 0.25 प्रतिशत की एक और वृद्धि का फैसला कर सकता है.

केंद्रीय बैंक मई, 2022 से महंगाई को रोकने के लिए लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी (RBI Interest Rate Hike) कर रहा है. मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने मई, 2022 से लगातार नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी का रुख अपनाया हुआ है. इस दौरान रेपो दर चार प्रतिशत से बढ़कर 6.50 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है. 

आपको बता दें कि फरवरी में हुई पिछली एमपीसी बैठक में भी रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी. वहीं, माना जा रहा है कि संभवत: यह आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि का अंतिम दौर हो सकता है.

एमपीसी की बैठक (RBI MPC Meeting 2023) में मौद्रिक नीति से जुड़े तमाम घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय पहलुओं की व्यापक समीक्षा के बाद कोई फैसला लिया जाएगा. इस दौरान उच्च खुदरा मुद्रास्फीति की स्थिति और विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों  अमेरिकी फेडरल रिजर्व, यूरोपीय केंद्रीय बैंक एवं बैंक ऑफ इंग्लैंड के हालिया कदमों का भी गहन विश्लेषण किया जाएगा.

एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री सौगत भट्टाचार्य ने हाल ही में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं दरों में एक और अंतिम 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद करता हूं.'' इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘‘पिछले दो माह से मुद्रास्फीति के छह प्रतिशत से ऊपर बने रहने और लिक्विडिटी के भी अब लगभग न्यूट्रल हो जाने के बाद ऐसी उम्मीद है कि आरबीआई एक बार फिर रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकता है. इसके साथ ही आरबीआई अपने रुख को स्थिर रख कर यह संकेत भी दे सकता है कि दरों में वृद्धि का दौर खत्म हो चुका है.''

वित्त वर्ष 2023-24 में आरबीआई कुल छह एमपीसी बैठकों का आयोजन करेगा. केंद्र सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में रहे. कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी सीपीआई (CPI) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में 6.52 प्रतिशत और फरवरी में 6.44 प्रतिशत पर रही है. खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) का यह स्तर आरबीआई के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से अधिक है.

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