देश की सबसे बड़ी थोक प्याज-मंडी लासलगांव (नासिक) में प्याज की कीमत गुरुवार को 400 रुपये चढ़कर दो वर्ष के उच्चतम स्तर 4,900 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई।
राष्ट्रीय बागवानी शोध एवं विकास संस्थान (एनएचआरडीएफ) के आंकड़ों के अनुसार लासलगांव में प्याज का थोक भाव बढ़कर 4,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
एनएचआरडीएफ के निदेशक आरपी गुप्ता ने बताया कि आपूर्ति में गिरावट के कारण प्याज में तेजी है। प्याज निकालने में देरी से आपूर्ति प्रभावित हुई है और अब लगता है कि खरीफ की प्याज का उत्पादन भी कम होगा। गुप्ता ने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में कम बारिश के कारण प्याज की फसल प्रभावित हो सकती है। इन राज्यों में सूखे पड़ने का भी खतरा है।
गुप्ता ने कहा, इसके अलावा, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में प्याज की खुदाई में देर हुई है। इसके अलावा देश में भंडारित प्याज का भंडार जुलाई के 28 लाख टन से आधा होकर 14 लाख टन रह गया है।
फसल वर्ष 2014-15 (जुलाई से जून) में कुल प्याज का उत्पादन 189 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के 194 लाख टन के उत्पादन से मामूली कम है। प्याज की बढ़ती कीमतों को अंकुश में रखने और आसान आपूर्ति को सुनिश्चित करने के प्रयास के तहत केंद्र सरकार ने पहले से ही 10,000 टन प्याज का आयात करने के लिए एमएमटीसी को वैश्विक निविदा जारी रखने को कह रखा है।
इस बीच, पंजाब के व्यापारियों ने भी अट्टारी वाघा मार्ग के रास्ते अफगानिस्तान से थोड़ी मात्रा में प्याज का आयात करना शुरू किया है। राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की खुदरा कीमत पहले ही 80 रुपये प्रति किलो के स्तर को छू गई है। ग्राहकों को बढ़ती कीमतों से राहत देने के लिए दिल्ली सरकार 30 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी प्राप्त दर पर प्याज की बिक्री शुरू की है।