गुरुवार को उपचुनाव के नतीजों से भले ही बीजेपी के मिशन 2019 को धक्का लगा हो, लेकिन शाम होते होते सरकार के लिए अच्छी खबर आयी. 2017-18 की चौथी तिमाही में जीडीपी विकास दर बढ़कर 7.7% हो गयी है. कैराना की हार, नूरपुर की हार, गोंदिया की हार, सुबह से बीजेपी गठजोड़ की राजनीति के सामने अपने मिशन 2019 पर चोट देखती रही. लेकिन शाम होते-होते अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर राहत देने वाली ख़बर आई. सांख्यिकी मंत्रालय ने बताया कि भारत अब भी दुनिया की सबसे तेज़ रफ़्तार अर्थव्यवस्था बना हुआ है. साल 2017-18 की आख़िरी तिमाही में उसकी विकास दर 7.7 फ़ीसदी रही है. सरकार की बांछें ऐसी खिलीं कि वित्त मंत्री बयान देने चले आए. पीयूष गोयल ने कहा कि ये आंकड़े दर्शाते हैं कि देश विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है.
इसके पहले बुधवार को अंतरराष्ट्रीय एजेंसी मूडीज़ ने कहा कि तेल का बढ़ती क़ीमतों का असर भारत की विकास दर पर पड़ेगा. उसने भारत के विकास दर अनुमान को 7.5% से घटाकर 7.3% कर दिया. तब सरकार चुप रही. लेकिन अब वित्त मंत्रालय का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है. वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव, एससी गर्ग ने कहा, "मूडीज़ का अनुमान है कि जीडीपी 7.5% से घटकर 7.3% हो जाएगी तेल की कीमतों की वजह से. लेकिन हम ऐसा होता नहीं देखते. हमें नहीं लगता कि हमें जीडीपी विकास दर को लेकर हमारे अनुमान में बदलाव करने की ज़रूरत है."
वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव एससी गर्ग ने कहा कि तेल की कीमतों में गिरावट शुरू हुई है जो महत्वपूर्ण है. सरकार अब बता रही है कि वो अगर तेल के दाम घटाएगी तो वित्तीय घाटे का बोझ बड़ा हो जाएगा. एससी गर्ग ने कहा कि एक्साइज़ ड्यूटी घटाने से वित्तीय घाटे को लेकर जो टार्गेट्स हैं वो प्रभावित होंगे.
सरकार के लिए बड़ी राहत ये भी है कि पिछले कुछ दिन से कच्चा तेल सस्ता हुआ है. लेकिन मुश्किल ये है कि अगर उथल-पुथल फिर शुरू हुई और तेल के दाम बढ़े तो सरकार की राजनीतिक चुनौतियां बढ़ सकती हैं.
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