सिटीग्रुप के चेयरमैन माइकल ओ निल ने भारतीय मूल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विक्रम पंडित को हटाने के लिए महीनों तक बोर्डरूम में साजिश रची। मीडिया की खबरों में कहा गया है कि अच्छे नतीजे देने के बावजूद पंडित को अचानक पद छोड़ने को कहा गया, जिससे वह हैरान रह गए।
'न्यूयार्क टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, ओ निल ने 15 अक्टूबर को पंडित को सीधे कह दिया कि निदेशक मंडल ने आप में भरोसा खो दिया है। 55-वर्षीय पंडित को तीन विज्ञप्तियों के विकल्प दिए गए थे। पहला कि वह तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दें, दूसरा वह साल के अंत तक इस्तीफा दें या फिर उन्हें बिना वजह पद से हटाया जाए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस रवैये से झटका खाए पंडित ने तत्काल प्रभाव से पद छोड़ने का फैसला किया। हालांकि पंडित और निदेशक मंडल ने सार्वजनिक रूप से यहीं दर्शाया कि पद छोड़ने का फैसला उनका अपना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सिटीग्रुप के चेयरमैन ओ निल ने महीनों तक पंडित को हटाने की योजना बनाई और उनकी जगह माइकल एल कॉर्बेट को नियुक्त किया।
बैंक के पार्क एवेन्यू मुख्यालय में बोर्ड रूप में रची गई इस साजिश से बैंक के कई वरिष्ठ कार्यकारी भी नाराज दिखे। उनका कहना था कि पंडित को पद छोड़ने के लिए कहने की जरूरत नहीं थी, क्योंकि उन्होंने ही संघषर्रत इस बैंक को सफलतापूर्वक संकट से बाहर निकाला था। यही नहीं बैंक ने सरकार की ओर से मिले 45 अरब डॉलर के राहत पैकेज को भी वापस कर दिया था।