अनुबंध पर विनिर्माण कार्य करने वाली ताइवान की वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन ने महाराष्ट्र में अगले पांच साल के दौरान पांच अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की है। कंपनी इस राशि का निवेश विनिर्माण, अनुसंधान एवं विकास सुविधाओं पर करेगी।
ताइवान की इस कंपनी ने शनिवार को महाराष्ट्र सरकार के साथ इस बारे में सहमति ज्ञापन (एमओयू) किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने इस मौके पर कहा कि यह कारखाना या तो मुंबई में बनेगा या पुणे में। इसके लिए 1,500 एकड़ जमीन आवंटित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रस्तावित निवेश के पूरा होने पर 50,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यह महाराष्ट्र में सबसे बड़ी एकल एफडीआई घोषणा है। संभवत: यह देश में भी सबसे बड़ी एफडीआई घोषणाओं में से है। उन्होंने कहा कि फॉक्सकॉन नाम से कारोबार करने वाली हॉन हाई प्रिसीजन इंडस्ट्री कंपनी के साथ करार के दायरे में टीएफटी स्क्रीन और सेमीकंडक्टरों का विनिर्माण भी आएगा।
नरेंद्र मोदी सरकार की 'मेक इन इंडिया' और 'डिजिटल इंडिया' पहलों की घोषणा के बाद यह एफडीआई की सबसे बड़ी घोषणा है। यह पूछे जाने पर कि क्या करार के तहत मोबाइल फोन का विनिर्माण भी आएगा, फॉक्सकॉन के संस्थापक चेयरमैन टेरी गॉउ ने इस पर टिप्पणी से गोपनीयता प्रावधान का हवाला देते हुए इनकार किया।
गॉउ ने कहा कि महाराष्ट्र का यह संयंत्र शोध एवं विकास के साथ-साथ विनिर्माण पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र वित्तीय केंद्र होने के साथ-साथ अच्छे मानव संसाधन और सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर की एकीकरण सुविधाओं की दृष्टि से अच्छी जगह है। कंपनी ने इसी वजह से अपने निवेश के लिए इस राज्य का चयन किया है।
राज्य में अपनी उपस्थिति के लिए फॉक्सकॉन स्थानीय भागीदारों के साथ गठजोड़ की संभावना तलाशेगी। गॉउ ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार से किया गया सहमति ज्ञापन (एमओयू) अडाणी समूह के साथ पहले ही किए गए संयुक्त उद्यम करार से भिन्न है। फड़नवीस ने कहा कि वह हालिया चीन यात्रा के दौरान फॉक्सकॉन के कारखाने में भी गए थे।
गॉउ ने कहा कि संयंत्र के लिए फॉक्सकॉन और राज्य सरकार के बीच एमओयू दो महीने के गहन विचार विमर्श के बाद हुआ है। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से सात बार मुलाकात की। करीब 60 से 70 लोगों की टीम इस पर काम कर रही है।
यह एपल फोन बनाने वाली कंपनी की पहले विशेषीकृत निवेश घोषणा है। तमिलनाडु में नोकिया का कारखाना बंद होने के बाद कंपनी भारत से बाहर निकल गई थी। पिछले महीने कंपनी ने जापान के साफ्टबैंक और भारती एंटरप्राइजेज के साथ सौर ऊर्जा क्षेत्र में 20 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी। फड़नवीस ने बताया कि फॉक्सकॉन के अधिकारियों को पहले ही जमीन के टुकड़े दिखाए जा चुके हैं। वे जल्द जगह के बारे में फैसला करेंगे।