केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वित्तवर्ष 2014-15 के लिए आम बजट पेश करते हुए आयकर में छूट सीमा 50,000 रुपये बढ़ा दी, जबकि आयकर दरें पूर्ववत बरकरार रखीं। इस घोषणा के साथ अब सामान्य नागरिकों के लिए नई कर छूट सीमा 2,50,000 रुपये हो गई, जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा तीन लाख रुपये कर दी गई है। 80 वर्ष तथा इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों की पांच लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगेगा।
वित्त मंत्री ने होम लोन के ब्याज पर मिलने वाली कर छूट सीमा को मौजूदा डेढ़ लाख से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया। इसके अलावा घरेलू बचत को बढ़ावा देने के इरादे से वित्तमंत्री ने 2014-15 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए बीमा तथा विभिन्न वित्तीय उत्पादों में निवेश पर कर छूट सीमा को भी बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये सालाना करने का प्रस्ताव किया। फिलहाल आयकर कानून की धारा 80सी, 80सीसी तथा 80सीसीसी के तहत निवेश और व्यय मिलाकर आयकर में छूट की सीमा एक लाख रुपये सालाना है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने नरेंद्र मोदी सरकार का पहला बजट पेश करते हुए आर्थिक विकास की धीमी रफ्तार पर चिंता जताई और इसे तेज करने के लिए सुधार के कदम उठाने का वादा किया। वित्तमंत्री ने कहा, भारत की जनता ने बदलाव के लिए हमें निर्णायक वोट दिया है। मेरे द्वारा बजट में उठाए गए कदमों का लक्ष्य अगले तीन-चार साल में विकास दर को सात से आठ फीसदी तक पहुंचाना, महंगाई को कम करना, वित्तीय घाटे को कम करना और चालू खाते के घाटे को कम करना होगा।
प्रस्तुत हैं वित्तमंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण के मुख्य अंश...