वित्त मंत्रालय ने निवेशकों के लिए चेतावनी जारी की है कि क्रिप्टोकरेंसी की कोई कानूनी मान्यता नहीं है और इस तरह की मुद्रा की कोई सुरक्षा नहीं है. उल्लेखनीय है कि बिटकॉइन समेत हाल के दिनों में वर्चुअल करेंसी (क्रिप्टोकरेंसी) के मूल्य में तेजी से वृद्धि हुई है.
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यह वैश्विक स्तर के साथ-साथ भारत में भी हुई है. मंत्रालय का कहना है कि इस तरह की मुद्रा का कोई वास्तविक मूल्य नहीं है और ना ही इसके पीछे कोई संपत्ति है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी की कीमत पूरी तरह अटकलों पर आधारित परिणाम है और इसलिए इसकी कीमतों में इतना उतार-चढ़ाव है.’’
बयान के मुताबिक इस तरह के निवेश में वैसा ही उच्च स्तर का जोखिम है जैसा कि पोंजी योजनाओं में होता है. इससे निवेशकों को अचानक से भारी नुकसान हो सकता है विशेषकर खुदरा ग्राहकों को जिनकी मेहनत की गाड़ी कमाई को झटका लग सकता है.
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मंत्रालय ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी धारकों, उपयोक्ताओं और कारोबारियों को पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तीन बार इसके खतरों के प्रति आगाह किया जा चुका है. साथ ही केंद्रीय बैंक ने यह भी सूचित किया है कि इस तरह की मुद्रा के सौदों या संबंधित योजनाओं को चलाने के लिए उसने किसी को लाइसेंस या प्रमाणन नहीं दिया है.
इनपुट : भाषा