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नया डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल जल्द ही संसद में होगा पेश : राजीव चंद्रशेखर

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भारत में डिजिटल इकोनोमी के विकास पर आज बात की. उन्होंने कहा कि 2014-15 में डिजिटल इकोनोमी का शयर अर्थव्यवस्था में 3.5 प्रतिशत था जो आज बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया है . उन्होंने कहा कि 2025-26 तक ये बढ़कर 20 प्रतिशत होने की उम्मीद है. साथ ही चंद्रशेखर ने कहा कि हमारा टार्गेट 2025-26 तक 1 ट्रिलियम डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है.
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NDTV Profit हिंदी02:48 PM IST, 09 Jun 2023NDTV Profit हिंदी
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केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भारत में डिजिटल इकोनोमी के विकास पर आज बात की. उन्होंने कहा कि 2014-15 में डिजिटल इकोनोमी का शयर अर्थव्यवस्था में 3.5 प्रतिशत था जो आज बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया है . उन्होंने कहा कि 2025-26 तक ये बढ़कर 20 प्रतिशत होने की उम्मीद है. साथ ही चंद्रशेखर ने कहा कि हमारा टार्गेट 2025-26 तक 1 ट्रिलियम डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है. 

उन्होंने कहा कि 2014 में हम दुनिया में सबसे बड़े डिजिटली अनकनेक्टेड देश थे. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने आईटी कानून में संशोधन करके बड़ी टेक कंपनियों और सोशल मीडिया कंपनियों को इम्युनिटी दी थी. उन्होंने कहा कि 2014 में हमें एक टॉक्सिक इंटरनेट व्यवस्था मिली थी. 

राजीव चंद्रशेखर ने आज कुछ अहम जानकारी भी एनडीटीवी के साथ साझा की. उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया बिल पर स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार-विमर्श इसी महीने शुरू होगा.

उन्होंने कहा कि नया डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल बहुत जल्दी ही संसद में पेश किया जाएगा. आज इंटरनेट को ओपन, सेफ और डिजिटल नागरिक की सुरक्षा के लिए हमने कानूनी पहल शुरू की है. आज भारत दुनिया में लार्जेस्ट कनेक्टेड देश भी है और हम भारत को सबसे सुरक्षित और विश्वसनीय देश बनाना चाहते हैं. डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल जल्दी ही  संसद में पेश किया जाएगा.

 बता दें कि सरकार ने 2019 में बिल (पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल) पेश किया था. इस पर संसद की संयुक्त समिति ने स्टेकहोल्डर्स के साथ काफी चर्चा की थी. बाद में बिल को सरकार ने वापस ले लिया था. अब सरकार इसी बिल के प्रारूप को नए जरूरतों के हिसाब से बदलकर ला रही है. इस बिल में डिजिटल शब्द को भी जोड़ा गया है. 

इसके साथ ही राजीव चंद्रशेखर ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इंटरनेट में टॉक्सिटी और क्रिमिनालिटी काफी बढ़ी है और सरकार इसे लेकर चिंतित है. उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि डिजिटल नागरिकों को नुकसान पहुंचाने वाली किसी कोशिश को सफल नहीं होने देगी. 

उन्होंने बताया कि 11 ऐसे मुद्दे हैं जो सरकार सोशल मीडिया में नहीं चाहती है.  उनमें, चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मटेरियल, धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाली सामग्री, पेटेंट का उल्लंघन करने वाली सामग्री, गलत सूचना आदि मुद्दे हैं. हम अपने डिजिटल नागरिकों के लिए ऐसी बातें नहीं चाहते हैं. 

यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी है कि वह अपने प्लेटफार्म को डिजिटल नागरिकों के लिए सुरक्षित और विश्वसनीय रखें. इसके लिए डिजिटल इंडिया बिल में भी प्रावधान शामिल किया जाएगा.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज 85 करोड़ लोग भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं.  आज हम दुनिया के सबसे बड़े कनेक्टेड देश में बन गए हैं . उन्होंने कहा कि 2014 में हम दुनिया में सबसे बड़े डिजिटली अनकनेक्टेड देश थे. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने आईटी कानून में संशोधन करके बड़ी टेक कंपनियों और सोशल मीडिया कंपनियों को इम्युनिटी दी थी. उन्होंने कहा कि 2014 में हमें एक टॉक्सिक इंटरनेट व्यवस्था मिली थी. 

2025-26 तक ये बढ़कर 120 करोड़ हो जाएगा . उन्होंने कहा कि देश में साइबर क्राइम भी बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था राज्यों का विषय है और राज्यों को इस पर सख्ती करनी होगी. 

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