ADVERTISEMENT

12,000 करोड़ की डीजल सब्सिडी निजी कार वालों को : रपट

देश में हर साल बिकने वाले करीब सात करोड़ टन डीजल में 13.15 प्रतिशत डीजल की खपत निजी कारों में होती है और इससे 12,100 करोड़ रुपये की सब्सिडी का लाभ इन कारों का इस्तेमाल करने वालों को मिलता है।
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी07:12 PM IST, 29 Jan 2014NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

देश में हर साल बिकने वाले करीब सात करोड़ टन डीजल में 13.15 प्रतिशत डीजल की खपत निजी कारों में होती है और इससे 12,100 करोड़ रुपये की सब्सिडी का लाभ इन कारों का इस्तेमाल करने वालों को मिलता है।

डीजल की सर्वाधिक 70 प्रतिशत की खपत परिवहन क्षेत्र में होती है, इसमें भी करीब 30 प्रतिशत डीजल की खपत कार, विशेष उपयोगी वाहनों और तिपहिया वाहनों में होती है। कृषि कार्यों में केवल 13 प्रतिशत डीजल ही लगता है। नौ प्रतिशत उद्योगों में तथा करीब दो प्रतिशत खपत मोबाइल टावरों में होती है।

सरकार डीजल की बिक्री नियंत्रित दाम पर करती है और इस समय इसे तेल कंपनियों को प्रति लीटर 8.47 रुपये की कमाई का नुकसान हो रहा है। वर्ष 2012-13 में डीजल पर मूल्य नियंत्रण से कंपनियों को कुल 92,061 करोड़ रुपये नुकसान रहा जिसकी भरपाई बजट से नकद सब्सिडी तथा अन्य स्रोतों से की गई।

पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम विश्लेषण एवं योजना प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के लिए मैसर्स नीलसेन इंडिया प्रा. लिमिटेड द्वारा किए गए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। इसमें कहा गया है कि डीजल की सबसे ज्यादा 70 प्रतिशत खपत ट्रांसपोर्ट सेक्टर में होती है और इसमें भी कार, यूटिलिटी व्हीकल्स (यूवी) और तिपहिया वाहनों में सबसे ज्यादा 28.48 प्रतिशत डीजल खपत होती है।

पेट्रोल के मामले में 99.6 प्रतिशत खपत केवल परिवहन क्षेत्र में होती है। इसमें भी सबसे ज्यादा 61.42 प्रतिशत दोपहिया वाहनों में और 34.33 प्रतिशत कारों में होती है। तिपहिया वाहनों में पेट्रोल की खपत मात्र 2.34 प्रतिशत ही है।

वर्ष 2012-13 में देश में कुल 6,90,80,000 टन डीजल की बिक्री हुई जबकि 1,57,44,000 टन पेट्रोल की बिक्री हुई। देश में पेट्रोलियम पदार्थों की कुल खपत में 44 प्रतिशत हिस्सा डीजल का है जबकि पेट्रोल का हिस्सा मात्र 10 प्रतिशत ही है।

रिपोर्ट के अनुसार ओडिशा, बिहार और राजस्थान में दोपहिया वाहनों में पेट्रोल की खपत 70 प्रतिशत से भी अधिक है।

डीजल की सबसे ज्यादा खपत भारी और हल्के वाणिज्यिक ट्रकों के वर्ग में 28.25 प्रतिशत है। उसके बाद निजी कारों और उपयोगी वाहनों (यूवीज) में 13.15 प्रतिशत, वाणिज्यिक कारों तथा ऐसे ही छोटे वाहनों में 8.94 प्रतिशत तथा तिपहिया वाहनों में 6.39 प्रतिशत खपत होती है। बसों में मात्र 9.55 प्रतिशत डीजल खपत है जबकि रेलवे मात्र 3.24 प्रतिशत डीजल खपत करता है।

अध्ययन के अनुसार कृषि क्षेत्र भी डीजल का बड़ा उपभोक्ता है। इस क्षेत्र में कुल डीजल खपत में से 13 प्रतिशत का उपयोग होता है। ट्रैक्टरों द्वारा 7.4 प्रतिशत, खेतों के पंपसेट में 2.9 प्रतिशत और दूसरे कृषि उपकरणों के इस्तेमाल में 2.7 प्रतिशत डीजल की खपत होती है।

परिवहन और खेती के अलावा डीजल का इस्तेमाल दूसरे क्षेत्रों में 17 प्रतिशत होता है। उद्योग क्षेत्र में 9.02 प्रतिशत, मोबाइल टॉवर के लिये जनरेटर में 1.54 प्रतिशत तथा औद्योगिक इस्तेमाल के अलावा दूसरे कार्यों में जनरेटर सैट के इस्तेमाल में 6.45 प्रतिशत डीजल की खपत होती है।

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT