उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी पार्टी को किसानों से जुड़े मुद्दों के समाधान के बिना बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए खोलने पर आपत्ति है।
उद्योग मंडल फिक्की के महिला संगठन के साथ परिचर्चा में उन्होंने कहा, बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र को एफडीआई के लिए तब तक नहीं खोला जाना चाहिए जब तक कि किसानों और उनकी फसल की हिफाजत के इंतजाम नहीं कर लिए जाते। इस बीच कुछ टीवी चैनल इस तरह की खबरें देने लगे कि उत्तर प्रमुख के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के मुद्दे पर अपने पिता मुलायम सिंह यादव के रुख के उलट बात कर रहे हैं।
सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने अलग से स्पष्टीकरण दिया कि उनकी पार्टी खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के खिलाफ है।
रामगोपाल यादव ने कहा, खुदरा क्षेत्र में एफडीआई से लाखों परिवार प्रभावित होंगे। यदि सरकार इसे लागू भी कर देती है, तो भी हम इसे उत्तर प्रदेश में नहीं आने देंगे।
अखिलेश ने कहा कि जब कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने देश में फास्ट फूड शृंखला खोली थी तो उस समय कहा गया था कि भारतीय किसानों द्वारा उत्पादित आलू को अच्छे खरीदार मिलेंगे। उन्होंने कहा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ऐसे कई मुद्दे हैं। मेरी पार्टी और नेताजी (मुलायम सिंह) पहले से कह चुके हैं कि जब तक किसानों और छोटे दुकानदारों के हितों का संरक्षण नहीं किया जाएगा, हम एफडीआई का विरोध करते रहेंगे।
अखिलेश के साथ उनकी पत्नी और सांसद डिंपल यादव भी मौजूद थीं। मुख्यमंत्री ने कहा, हम इसका विरोध नहीं कर रहे हैं। सभी राज्य चाहते हैं कि निवेश आए। हम एफडीआई के खिलाफ नहीं हैं। हम चाहते हैं कि यदि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई आता है, तो यह गरीब किसानों को नुकसान न पहुंचाए। उन्होंने कहा, हमें एफडीआई पर आपत्ति नहीं है। एफडीआई आना चाहिए। हमारी आपत्ति सिर्फ इस बात को लेकर है कि किसानों के मुद्दों को हल किया जाए। हमारे किसानों और छोटे दुकानदारों को नुकसान नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, यदि हमारा विनिर्माण क्षेत्र मजबूत नहीं होगा, तो अंतत: खुदरा क्षेत्र में एफडीआई हमारे बाजार को नुकसान पहुंचाएगा। अखिलेश ने कहा कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई बड़ा मुद्दा है। इस बात पर विचार विमर्श होना चाहिए कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई आना चाहिए या नहीं।
यह बताए जाने पर कि सपा ने जनता दल सेक्युलर तथा वामदलों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इसके खिलाफ संयुक्त पत्र भेजा है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भी यही बात कर रहे हैं।