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OPEC+ की बैठक में सऊदी ने तेल उत्पादन में रोजाना 10 लाख बैरल कटौती का किया ऐलान, क्या बढ़ जाएंगे पेट्रोल-डीजल के दाम?

Crude Oil Price : WTI फ्यूचर्स करीब 5% तक उछल गया और $73 के करीब पहुंच गया. इसके साथ ही ग्लोबल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड भी $78 डॉलर प्रति बैरल के करीब आ गया.
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NDTV Profit हिंदी12:18 PM IST, 05 Jun 2023NDTV Profit हिंदी
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अंतरराष्ट्रीय तेल बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price) में एक बार फिर से तेज उछाल आया है, क्योंकि पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OPEC+) की बैठक में सऊदी अरब ने कहा है कि वो जुलाई में रोजाना तेल उत्पादन में 10 लाख बैरल की कटौती (Oil Production Cut) करेगा. जिससे उसका तेल उत्पादन बीते कई सालों के सबसे निचले स्तरों पर पहुंच जाएगा. दुनिया के 40% कच्चे तेल पर OPEC+ देश का ही कब्जा है. इस फैसले का असर कच्चे तेल कीमतों में देखने को मिल रहा है.

WTI फ्यूचर्स करीब 5% तक उछला

सऊदी अरब के इस ऐलान का असर ये हुआ कि WTI फ्यूचर्स करीब 5% तक उछल गया और $73 के करीब पहुंच गया. इसके साथ ही ग्लोबल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड  (Brent crude oil) भी $78 डॉलर प्रति बैरल के करीब आ गया. OPEC+ की बैठक के बाद सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान ने कहा 'हम मार्केट में स्थिरता लाने के लिए जो भी जरूरी होगा करेंगे.'

सऊदी ने क्यों किया तेल सप्लाई में कटौती का ऐलान

कॉमनवेल्थ बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया में माइनिंग एंड एनर्जी कमोडिटीज रिसर्च डायरेक्टर विवेक धर ने कहा, मेरे विचार में स्वैच्छिक कटौती एक निरंतर रैली को बढ़ावा देने की बजाय डाउनसाइड प्रोटेक्शन के लिए ज्यादा है. उन्होंने कहा कि बाजार मैक्रोइकोनॉमिक के व्यापक आउटलुक पर फोकस कर सकते हैं.

डिमांड की चिंताओं का आउटलुक खासतौर पर जैसा कि चीन को लेकर हुआ, इससे न्यू यॉर्क में कच्चा तेल पिछले महीने 11% टूटा. गोल्डमैन सैक्स ग्रुप सहित ज्यादातर बाजार पर नजर रखने वालों ने OPEC+ से उत्पादन में किसी तरह के बदलाव की उम्मीद नहीं की थी और बाकी 23 देशों के गठबंधन ने कोई अतिरिक्त कार्रवाई की पेशकश नहीं की थी. यही वजह है कि सऊदी अरब बाजार को स्थिर करने के लिए और अपने मार्केट शेयर को छोड़ रहा है.

OPEC+ के बाकी सदस्य मौजूदा कटौती को रखेंगे बरकरार

वहीं, OPEC+ के बाकी सदस्य 2024 के अंत तक अपनी मौजूदा कटौती को बनाए रखेंगे. रूस ने उत्पादन को और कम करने के लिए कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने अगले वर्ष के लिए ऊंचा प्रोडक्शन कोटा हासिल कर लिया है.

OPEC+ डील अफ्रीकी सदस्यों के साथ लंबे विवाद के बाद आई थी कि उनकी कटौती कैसे मापी जाती है, जिससे बैठक शुरू होने में कई घंटे की देरी हुई. प्रिंस अब्दुलअजीज ने कहा कि अगले महीने की अतिरिक्त कटौती को बढ़ाया जा सकता है, लेकिन हम बाजार को इस बारे में 'सस्पेंस' में ही रखेंगे कि क्या ऐसा होगा.

वंदा इनसाइट्स की फाउंडर संस्थापक वंदना हरि ने ब्रेंट को लेकर ब्लूमबर्ग टीवी पर कहा, 'सऊदी अरब कच्चे तेल की कीमतें 80 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर रखना चाहता है, और ये अब 77 डॉलर प्रति बैरल के आसपास कारोबार कर रहा है' अगर ग्लोबल इकोनॉमी की सेहत बिगड़ती है, तो शॉर्ट सेलर्स तुरंत ही वापस आ जाएंगे.'

भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी आने की संभावनाएं कम

कच्चे तेल की कीमत (Crude Oil Price) में तेजी से भारत में आयातित कच्चे तेल की कीमतों पर ज्यादा असर देखने को नहीं मिलने वाला है, क्योंकि मई में सऊदी अरब से भारत का तेल का आयात घटकर 5,60,000 टन पर आ गया. यह फरवरी, 2021 के बाद सबसे निचला स्तर है. वहीं, मई में तेल निर्यातक देशों के संगठन-ओपेक की भारत के कच्चा तेल आयात में हिस्सेदारी घटकर अपने सर्वकालिक निचले स्तर 39 प्रतिशत पर आ गई. किसी समय ओपेक की भारत की तेल खरीद में 90 प्रतिशत तक हिस्सेदारी होती थी. कच्चे तेल को रिफाइनरियों में पेट्रोल और डीजल में बदला जाता है. लेकिन  सऊदी अरब के इस फैसले से भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Price) में तेजी आने की संभावनाएं कम हैं.

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