सुप्रीम कोर्ट ने 371 करोड़ रुपए के अप्रचलित नोटों को बदलवाने के मामले में नासिक जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड की याचिका को खारिज कर दिया है. इस सहकारी बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक के एक पत्र को रद्द करने की मांग के साथ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. रिजर्व बैंक ने नासिक जिला सहकारी बैंक के यहां जमा 371 करोड़ रपये मूल्य के पुराने नोटों को बदलने पर रोक लगा दी है. मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सहकारी बैंक की याचिका खारिज कर दी.
बैंक के वकील ने तर्क दिया कि 31 मार्च से पहले नोटों को बदलने पर रोक से नासिक जिले में उसकी 281 शाखाएं बंद हो जाएंगी सहकारी बैंक की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा, 'हमें बैंक को बंद करना होगा यदि हमारे पास रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक नकदी अनुपात नहीं होगा. इस अनुपात को बनाये रखने के लिये केन्द्रीय बैंक से 371 करोड़ रपये के बदले नये नोट लेना जरूरी है.'
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के उस पत्र को जिसके जरिये बैंक को पुराने नोटों को बदलने से रोका गया है को निरस्त करने का आग्रह किया है. बैंक का कहना है कि ये नोट बैंक के ग्राहकों ने आठ नवंबर और 14 नवंबर 2016 के बीच जमा कराये थे.
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