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चिदंबरम ने बजट में हमेशा फर्जीवाड़ा किया है : यशवंत सिन्हा

इससे पूर्व, चिदंबरम ने यशवंत सिन्हा पर निशाना साधते हुए कहा था कि पूर्व वित्त मंत्री सिन्हा के कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था ने उदारीकरण के बाद के सबसे खराब सालों को देखा।
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NDTV Profit हिंदी10:58 AM IST, 03 May 2014NDTV Profit हिंदी
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वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि चिदंबरम ने बजट में हमेशा ही 'फर्जीवाड़ा' किया है।

इससे पूर्व, चिदंबरम ने यशवंत सिन्हा पर निशाना साधते हुए कहा था कि पूर्व वित्त मंत्री सिन्हा के कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था ने उदारीकरण के बाद के सबसे खराब सालों को देखा।

यशवंत सिन्हा ने बयान जारी कर कहा, हो सकता है कि 1991 के बाद मैं सबसे खराब वित्त मंत्री रहा होऊं, लेकिन मैंने फर्जीवाड़ा नहीं किया। चिदंबरम 1991 के बाद के सबसे चालाक वित्त मंत्री रहे हैं, और उन्होंने केवल इस साल नहीं, बल्कि हमेशा ही फर्जीवाड़ा किया।

राजकोषीय घाटे पर अंकुश लगाने के चिदंबरम के दावे को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि सब्सिडी भुगतान टालकर एवं योजनागत खर्चों में 80,000 करोड़ रुपये की कटौती कर आंकड़ों के साथ खेल किया गया है। सिन्हा ने कहा, उन्होंने अंतरिम बजट में फर्जीवाड़ा किया और अगली सरकार उनके झूठ को सामने लाने के लिए एक श्वेतपत्र लाएगी।

एक लेख का हवाला देते हुए सिन्हा ने कहा कि वर्ष 1997-98 के बजट में चिदंबरम ने राजकोषीय घाटा जीडीपी के 4.5 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य तय किया था। जब अगली सरकार ने 1998-99 के लिए बजट पेश किया तो घाटा बढ़कर 5.8 प्रतिशत पहुंच गया।

उन्होंने कहा, मुझे तथ्यों के आधार पर चुनौती देने के बजाय चिदंबरम ने व्यक्तिगत तौर पर मुझ पर हमला करने का निर्णय किया। मैं उन्हें याद दिलाना चाहूंगा कि वित्त मंत्रालय में 12 साल पहले खत्म हुआ कार्यकाल मेरा कार्यकाल नहीं था, जिस पर वह सवाल खड़ा करते हैं। आर्थिक मोर्चे पर यह चिदंबरम और मनमोहन सिंह का निष्पादन था, जिस पर इस चुनाव में सवाल खड़ा किया जा रहा है।

सिन्हा ने प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) और वस्तु व सेवाकर (जीएसटी) विधेयक पारित नहीं होने के लिए चिदंबरम को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, रिकार्ड को सामने रखने के लिए मैंने डीटीसी विधेयक पर वित्त से संबद्ध संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट 9 मार्च, 2011 को लोकसभा अध्यक्ष को सौंप दी थी। यदि यूपीए सरकार अपने विचार को अंतिम रूप देने में विफल रही, तो यह उनकी गलती है मेरी नहीं।

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