विपक्षी दलों खासतौर पर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार के पहले आम बजट को ‘निराशाजनक’ करार देते हुए कहा कि यह गरीब विरोधी और अमीरों के लिए बनाया गया बजट है, जो लोगों की उम्मीदों को पूरा करने में विफल रहा है। बीजद और राकांपा जैसे दलों ने बजट की कुछ बातों को सराहा।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, इस बजट में आम आदमी और गरीबों के लिए कुछ भी नहीं है। कर छूट का ऐलान कॉरपोरेट और बड़े औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा, एक तरफ वे कहते हैं कि पिछली सरकार की ओर से निर्धारित कर एकत्र करने की व्यवस्था को जारी रखेंगे और दूसरी तरफ वे दबाव में बड़े औद्योगिक घरानों को छूट देते हैं। खडगे ने कहा कि बजट में मनरेगा जैसी कल्याण योजनाओं के लिए कुछ भी पेश नहीं किया गया है और महंगाई के दौर में मामूली कर छूट से आम लोगों को राहत नहीं मिलने वाली है।
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता अमरिंदर सिंह ने कहा कि इस बजट में गरीबों के लिए कुछ भी नहीं है और जिन लोगों ने इन्हें (भाजपा) वोट दिया, वे निराश हुए होंगे।
सिंह ने कहा, यह कारपोरेट बजट है। इसमें कुछ भी नया नहीं है। इसमें कुछ भी ऐसी बात नहीं कही गई हैं, जो महंगाई से लोगों को राहत प्रदान कर सके। मामूली कर छूट से लोगों को राहत नहीं मिलने वाली है। उन्होंने हालांकि ‘एक रैंक एक पेंशन’ में आवंटन की सराहना की।
बीजद के बैजयंत पांडा ने सावधानी बरतते हुए बजट की सराहना की और कहा, जैसी स्थिति अभी चल रही है, इससे वित्तमंत्री ठीक ढंग से निपटे हैं। विशेषतौर पर आधारभूत संरचना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और पेयजल जैसी ग्रामीण विकास योजनाओं पर जोर दिया गया है।