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ब्रेक्जिट से पड़ने वाले लघु और मध्यम प्रभावों से निपटने के लिए हम तैयार : अरुण जेटली

ब्रिटेन में हुए जनमत संग्रह पर जेटली ने अपने वक्तव्य में कहा है कि हमने अभी तुरंत ही ब्रिटेन के लोगों का यूरोपीय संघ में रहने अथवा बाहर जाने पर हुए जनमत संग्रह का निर्णय देखा है।
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NDTV Profit हिंदी04:37 PM IST, 24 Jun 2016NDTV Profit हिंदी
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केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ब्रेक्जिट से पड़ने वाले लघु और मध्यम प्रभावों से निपटने के लिए हम पूरी तरह से तैयार। ब्रिटेन में हुए जनमत संग्रह पर जेटली ने अपने वक्तव्य में कहा है कि हमने अभी तुरंत ही ब्रिटेन के लोगों का यूरोपीय संघ में रहने अथवा बाहर जाने पर हुए जनमत संग्रह का निर्णय देखा है। हम उस जनमत संग्रह के निर्णय का सम्मान करते हैं। साथ ही आने वाले समय में और मध्यम अवधि में इसके महत्व से अवगत हैं।

वित्तमंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में उन्होंने कहा, जैसा कि मैंने पहले भी कहा है इस वैश्विक दुनिया में परिवर्तनशीलता और अनिश्चितता नए मानक हैं। इस निर्णय से निश्चित रूप से भविष्य में उतार-चढ़ाव होगा, क्योंकि ब्रिटेन, यूरोप और बाकी बचे दुनिया के लिए इसका पूर्ण तात्पर्य अब तक अनिश्चित है। दुनिया के सभी देशों को एक निश्चित अवधि के लिए इस जनमत संग्रह से होने वाले मध्यम अवधि के प्रभावों के लिए अपने आपको तैयार और चौकन्ना रखना होगा।

जेटली ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, हम ब्रेक्जिट से उत्पन्न लघु और मध्यम परिणामों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हम अपने व्यापक आर्थिक ढांचे के स्थायित्व को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और राजकोषीय अनुशासन तथा मुद्रास्फीति में गिरावट के साथ हमारा व्यापक आर्थिक ढांचा बहुत ही सामान्य स्थिति में है। हमारी तात्कालिक और मध्यम अवधि की सुरक्षा मजबूत है।

अनिश्चितता के इस दौर में निवेशकर्ता जब पूरे विश्व में सुरक्षित ठिकानों की तलाश कर रहे हैं, तब भारत स्थिरता और विकास दोनों ही रूप में मजबूती से खड़ा है। जैसा कि आप सब जानते हैं कि भारत आज दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। पूरे भारत में हो रहे अच्छे मॉनसून के कारण हमारे विकास और मुद्रास्फीति में सुधार हो रहा है।

लघु अवधि में होने वाले किसी प्रकार के उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए सरकार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, अन्य नियामक पूरी तरह से तैयार हैं और साथ-साथ काम कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य इस उतार-चढ़ाव को कम करना और अर्थव्यवस्था पर लघु अवधि के लिए इसके प्रभाव को कम करना है। हम इसके साथ ही मध्यम अवधि के लिए महत्वकांक्षी सुधारवादी एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे, जिसमें जीएसटी का जल्द से जल्द पास होना शामिल है। यह हमारी मध्यम अवधि के विकास को 8 से 9 प्रतिशत रखने में मदद करेगा और सबके लिए विकास के हमारे उद्देश्य को पूरा करने में सहयोग करेगा।

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