रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने केजी-डी6 गैस परियोजना मामले में सरकार द्वारा उसका पक्ष लिए जाने के इंडिया अगेंस्ट क्रप्शन (आईएसी) के आरोपों को खारिज किया और कहा कि ये आरोप निहित स्वार्थी तत्वों के उकसावे पर लगाए गए हैं।
कंपनी ने जारी एक वक्तव्य में कहा ‘‘आईएसी ने जो वक्तव्य दिया है, उसमें कोई सच्चाई और तथ्य नहीं है और हम उसका खंडन करते हैं।’’ आरआईएल ने कहा, केजी-डी6 परियोजना सबसे गहरे समुद्र की परियोजना है और इसे छह महीने के रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया। यह भारत के लिए आर्थिक लिहाज से बहुत मूल्यवान परियोजना है और इस परियोजना के हर पहलू पर भारत को गर्व होना चाहिए।
आईएसी ने बुधवार को आरोप लगाया कि मौजूदा संप्रग और पिछली एनडीए की गठबंधन सरकारों ने केजी बेसिन का ठेका देने में रिलायंस इंडस्ट्रीज को फायदा पहुंचाया। आईएसी का कहना है कि रिलायंस को जो रियायतें दी गई उससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है।
कंपनी ने कहा कि उसने केजी बेसिन परियोजना के विकास के लिए अच्छे से अच्छा तकनीकी संसाधन लगाया। तेल और गैस उद्योग ने इसकी गिनती इस तरह की सबसे बेहतर परियोजनाओं में की है।
आरआईएल ने कहा है कि आईएसी के आरोप गैर-जिम्मेदाराना हैं और निहित स्वार्थी तत्वों के इशारे पर लगाए गए हैं। आरोप लगाने वालों को परियोजना की तकनीकी जटिलताओं का कोई ज्ञान नहीं है और ऐसे आरोपों का जवाब देने की भी जरूरत नहीं है।