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देश भर में जौहरियों की हड़ताल से अब तक 66,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

इस साल के बजट में सोना-चांदी के गहनों पर एक फीसदी अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी लगाने के प्रावधान के विरोध में जौहरियों की हड़ताल अब 11 दिन पुरानी हो चुकी है, लेकिन इसका अंत नजर नहीं आ रहा है।
NDTV Profit हिंदीRajiv P Pathak
NDTV Profit हिंदी07:00 PM IST, 12 Mar 2016NDTV Profit हिंदी
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इस साल के बजट में सोना-चांदी के गहनों पर एक फीसदी अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी लगाने के प्रावधान के विरोध में जौहरियों की हड़ताल अब 11 दिन पुरानी हो चुकी है, लेकिन इसका अंत नजर नहीं आ रहा है।

देश भर में जौहरियों की दुकानें पिछले 11 दिनों से बंद हैं और सोने-चांदी का व्यापार लगभग पूरी तरह ठप है। जहां जौहरियों को व्यापार न होने से घाटा हो रहा है, वहीं गहने बनाने वाले कारीगरों-मजदूरों की जिंदगी बेहाल पड़ी हुई है। जौहरियों का आरोप है कि इस साल सरकार नें जो अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी लगाई है, वह एक तरह से इस व्यवसाय में इंस्पेक्टर राज की दोबारा वापसी है। इससे उनके व्यवसाय पर विपरीत असर पड़ेगा।

विरोध करने के लिए जौहरी रोज नए-नए तरीके अपना रहे हैं। कभी सड़कों पर कैंडल मार्च, कभी अलग-अलग शहरों में ब्लड डोनेशन कैंप तो कभी सुंदर कांड और भजन करके अपने विरोध के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ-साथ राजनैतिक तौर पर भी अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने की कोशिशें की जा रही हैं। गुजरात ज्वैलर्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी जिगर सोनी ने कहा कि उन्होंने गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल से भी इस मामले में मुलाकात की है और उन्होंने जल्द से जल्द केंद्र सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाने का भरोसा दिया है।

गुजरात में रोजाना करीब 3,000 करोड़ रुपये का सोना-चांदी का व्यापार होता था और पूरे देश में 6,500 करोड़ से ज्यादा का कारोबार होता था। पिछले 11 दिनों से हड़ताल की वजह से देश भर में 66,000 करोड़ से ज्यादा के व्यापार का नुकसान हो चुका है। अब देखना है कि कब तक जौहरिययों और सरकार के बीच इसे लेकर कोई समाधान निकल पाता है।

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लेखकRajiv P Pathak
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