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देश में बनाए जाएंगे 51 नए छोटे हवाई अड्डे

प्रधानमंत्री द्वारा 2013-14 के लिए ढांचागत परियोजना लक्ष्यों को अंतिम रूप देते हुए शुक्रवार को एक बैठक में यह निर्णय किया गया। 2013-14 के दौरान भुवनेश्वर और इंफाल में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से दो नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे बनाने का भी लक्ष्य रखा गया है।
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NDTV Profit हिंदी12:24 PM IST, 29 Jun 2013NDTV Profit हिंदी
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सरकार देशभर में कम लागत वाले 51 नए छोटे हवाई अड्डे विकसित करेगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 2013-14 के लिए ढांचागत परियोजना लक्ष्यों को अंतिम रूप देते हुए शुक्रवार को एक बैठक में यह निर्णय किया गया।

देश में दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों तक हवाई सेवाएं पहुंचाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।

एक सरकारी बयान के मुताबिक, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) उत्तर प्रदेश में आगरा, इलाहाबाद, मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, बिजनौर और आजमगढ़ में कम लागत वाले हवाई अड्डे विकसित करेगी।

वहीं पंजाब में लुधियाना, जालंधर और फिरोजपुर, मध्य प्रदेश में ग्वालियर, सिंगरौली, बुरहानपुर, खंडवा, जबलपुर, सीधी और शहडोल में ये हवाई अड्डे विकसित किए जाएंगे। राजस्थान में अजमेर, कोटा, भीलवाड़ा और अलवर में हवाई अड्डे विकसित करने की योजना है। सरकार ने बिहार में मुजफ्फरपुर, छपरा और सासाराम में छोटे हवाई अड्डे विकसित करने का लक्ष्य रखा है।

वहीं झारखंड में धनबाद, बोकारो व हजारीबाग में इन्हें विकसित करने की योजना है। बैठक में 2013-14 के दौरान भुवनेश्वर और इंफाल में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से दो नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे बनाने का भी लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने इस साल पीपीपी माध्यम से 8 नए हवाई अड्डे के ठेके देने का लक्ष्य रखा है। ये नए (ग्रीनफील्ड) हवाई अड्डे नवी मुंबई, जुहू मुंबई, गोवा, कन्नूर, पुणे, श्रीपेरंबदूर, बेल्लारी और रायगढ़ में विकसित किए जाएंगे।

इनके अलावा, चेन्नई, कोलकाता, लखनउ, गुवाहाटी, जयपुर और अहमदाबाद स्थित हवाईअड्डों का परिचालन व रखरखाव पीपीपी अनुबंधों के जरिये किए जाने की योजना है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश में निवेश एवं ढांचागत परियोजनाओं के क्षेत्र में गतिविधियों में तेजी लाते हुए चालू वित्तवर्ष के दौरान नागरिक उड्डयन, रेलवे, बंदरगाह, सड़क और बिजली क्षेत्र में सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत 1.15 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य तय किया है।

प्रधानमंत्री ने एक बैठक में ये फैसले लिए। इस बैठक में वित्तमंत्री पी. चिदंबरम, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, ऊर्जा, कोयल, रेलवे, सड़क, जहाजरानी और नागरिक उड्डयन मंत्रालयों के मंत्री और सचिव उपस्थित थे। चालू वित्तवर्ष के लिए परियोजनाओं के ये लक्ष्य विस्तृत प्रक्रिया के बाद रखे गए हैं। योजना आयोग में सदस्य (ढांचागत परियोजना) के नेतृत्व में पहले इन पर गहन विचार किया गया और उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई बैठक में इन पर दूसरे दौर का विचार-विमर्श हुआ और लक्ष्य तय किए गए।

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