Zohra Sehgal: आज हम आपको भारतीय सिनेमा की एक ऐसी अभिनेत्री की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने हर कदम पर बगावत की. जब महिलाओं के घर से निकलने पर पाबंदी थी, तब इन्होंने सभी रीति रिवाज और बंधन को तोड़कर फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा. सिनेमा में नाम कमाया. दशकों तक इन्होंने अपनी एक्टिंग से सबको एंटरटेन किया और आखिरी वक्त तक अपनी जिंदगी जिंदादिली से जीती रहीं. तो चलिए आज हम आपको मिलवाते हैं जोहरा सहगल से, जो भले ही आज हम सबके बीच नहीं है लेकिन उनके किस्से आज भी मशहूर हैं.
पठान खानदान में हुआ जोहरा सहगल का जन्म
जोहरा सहगल का जन्म 27 अप्रैल 1912 में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक पठान खानदान में हुआ. वो रामपुर रियासत से ताल्लुक रखती थीं. जोहरा सहगल का पूरा नाम साहिबजादी जोहरा मुमताज उल्लाह खान था. बताया जाता है कि जोहरा सहगल ने लाहौर के क्वीन मैरी कॉलेज से पढ़ाई की और वो स्कूल में टॉपर रहती थीं, लेकिन दसवीं में तीन बार फेल हुईं. हालांकि, उनके फेल होने की वजह उनकी पढ़ाई नहीं बल्कि उनकी शादी थी. दरअसल, जोहरा के पिता उनकी शादी करना चाहते थे, इसलिए वह दसवीं में लगातार फेल होती गई ताकि उन्हें शादी ना करनी पड़े.
आठ साल छोटे लड़के से की शादी
1935 से 1940 के बीच जब वो डांस एकेडमी का हिस्सा बनीं तो उनकी मुलाकात इंदौर के साइंटिस्ट पेंटर और डांसर कामेश्वर सहगल से हुई, जो उनसे 8 साल छोटे थे. ऐसे में जब दोनों के इश्क की खबर समाज को हुई तो दंगे जैसे हालात बन गए थे. हालांकि, जोहरा ने इसकी परवाह नहीं की और कामेश्वर सहगल से शादी की. 1959 में अपने पति की मौत के बाद जोहर दिल्ली आ गई.
ऐसा रहा जोहरा सहगल का फिल्मी करियर
जोहरा सहगल ने धरती के लाल फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की. इसके अलावा उन्होंने भाजी ऑन द बीच, दिल से, ख्वाहिश, हम दिल दे चुके सनम, बेन्ड इट लाइक बेकहम, साया, चिकन टिक्का मसाला, मिस्ट्रेस ऑफ स्पाइसेस, वीर-जारा जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया. जोहरा सहगल के इसी योगदान को देखते हुए उन्हें पद्मश्री, पद्मभूषण, पद्म विभूषण, राष्ट्रीय कालिदास सम्मान जैसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.
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