अपने बच्चों को लॉन्च करने के लिए बॉलीवुड के सेलिब्रिटी पेरेंट्स कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. कोशिश बस यही होती है कि फिल्म ऐसी बनें जो उनके बच्चों का नाम भी रोशन कर दे. धर्मेंद्र के भी अपने दोनों बच्चों को लेकर बस यही अरमान थे. जिस वजह से वो बेस्ट स्टोरी, बेस्ट कास्टिंग करने के लिए तैयार रहते थे. अपने बड़े बेटे सनी देओल को लॉन्च करने के लिए उन्होंने बेताब मूवी को चुना था. इस फिल्म में उस दौर के वेटर्न एक्टर शम्मी कपूर भी अहम रोल में थे. फिल्म से जुड़े एक मेकर के कहने पर धर्मेंद्र ने शम्मी कपूर से फीस लेकर निगोशिएट करने गए थे. लेकिन शम्मी कपूर ने जो फैसला सुनाया. उससे और नुकसान झेलने की नौबत आ गई.
शम्मी कपूर ने सौदेबाजी की कोशिश
ये किस्सा खुद फिल्म के डायरेक्टर राहुल रवैल ने सुनाया है. जिसके मुताबिक फिल्म में शम्मी कपूर को सपोर्टिंग रोल के लिए चुना गया था. फिल्म के लिए शम्मी कपूर ने तीन लाख रुपये फीस बताई थी. जिस दौर में फिल्म बेताब रिलीज हुई थी. उस दौर में तीन लाख रु. भी बहुत ज्यादा हुआ करते थे. इसलिए फिल्म से जुड़े एक मेकर बिक्रमजीत ने इस बारे में धर्मेंद्र को शम्मी कपूर से बात करने के लिए कहा. उन्हें लग रहा था कि शम्मी कपूर की रोल के लिहाज से फीस बहुत ज्यादा थी.
शम्मी कपूर के जवाब ने किया हैरान
शम्मी कपूर उस समय धर्मेंद्र से कहीं ज्यादा सीनियर एक्टर थे. फिल्म इंडस्ट्री में ये भी मशहूर था कि वो अपनी फीस को लेकर निगोशिएट करना पसंद नहीं करते थे. फिर भी धर्मेंद्र ने एक बार कोशिश जरूर की. वो थोड़ा झिझकते हुए शम्मी कपूर के पास गए. उनसे फिल्म के बारे में और फिर फीस के बारे में बात की. जिसके जवाब में शम्मी कपूर ने अपनी फाइनल फीस बताई पांच लाख रु. ये सुनकर धर्मेंद्र चौंक गए. बदले में स्माइल करते हुए शम्मी कपूर ने कहा कि इसे फीस निगोशिएट करने की अपनी पेनल्टी समझना.
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