विवेक ओबेरॉय ने 2002 में अपने करियर की शुरुआत की. साथिया, कंपनी, दम, ओमकारा, शूटआउट एट लोखंडवाला जैसी शानदार फिल्में उनकी फिल्मोग्राफी में चार चांद लगाती हैं. उनकी शुरुआत अच्छी थी लेकिन धीरे धीरे वो फिल्मी दुनिया से दूर होते गए और अपने बिजनेस की तरफ ध्यान देना शुरू किया. अब हाल में दिए एक इंटरव्यू में एक्टर ने बताया कि वो एक्टर बनने से पहले 10 साल की उम्र से ही बिजनेस मैन बन चुके थे. विवेक ने बताया कि उनके पापा ने उन्हें बिजनेस की ट्रेनिंग तब से ही देनी शुरू कर दी थी जब उन्होंने एक्टिंग के बारे में सोचा तक नहीं था. उन्होंने कहा, मैं दस साल का था और मेरे पापा सुरेश ओबेरॉय मुझे प्रोडक्ट दे दिया करते थे. मेरा काम होता था उसे बेचना. इसके बदले में प्रॉफिट मैं अपने पास रख लेता था और कॉस्ट अपने पिता को लौटा देता था. इस तरह मैंने अकाउंट मेंटेन करना सीखा.
विवेक ने बताया कि जब वो स्कूल में थे तो हर गर्मी की छुट्टियों में सुरेश ओबेरॉय उनसे यही एक्टिविटी करवाते थे. उन्होंने कहा, जिस दिन से स्कूल बंद होता था अगले ही दिन पापा अलग अलग चीजें ले आया करते थे दैसे कि इलेक्ट्रॉनिक्स, परफ्यूम्स और अलग अलग चीजें. वो कहते थे सारी चीजें 2000 रुपये की हैं. तुम इसमें से कितना कमा सकते हो. अगर मैं 1000 रुपये का सामान लेता था तो बेचने के बाद 1000 रुपये पापा को वापस करता था और बाकी अपने पास रख लेता था. 15-16 साल तक मेरे पापा मुझसे हर साल ये काम करवाते थे.
विवेक ने कहा कि इस उम्र में बच्चे पूरा दिन खेलने में निकाल देते थे और मैं पैसा बनाना सीख रहा था. इससे मेरी पर्सनैलिटी में भी निखार आया और ये सब मेरे पिता की वजह से हुआ.
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