
अमिताभ बच्चन इंडिया के सबसे सक्सेसफुल फिल्मी सितारों में से एक हैं, लेकिन अपने पांच दशक लंबे करियर में, वे हमेशा सफल नहीं रहे. 1990 के दशक में एक दौर ऐसा भी आया जब अमिताभ राजनीति में आने के बाद फिल्मों में लौटे, लेकिन चीजें वैसी नहीं चल रही थीं. एंग्री यंग मैन का दौर खत्म हो चुका था, और बच्चन खुद को अपने से कम उम्र की एक्ट्रेसेस के साथ रोमांस करने वाले लीड एक्टर के रोल में स्ट्रगल कर रहे थे. उसी समय, उनका प्रोडक्शन हाउस मंदी के दौर से गुजर रहा था, और उनकी कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं चल रही थी. ऐसे समय में, बिग बी एक कॉमेडी फिल्म में नजर आए, जिसने कम से कम एक पल के लिए, उम्मीद की एक किरण दिखाई, और यह फिल्म थी बड़े मियां छोटे मियां.
अमिताभ बच्चन के घर के बाहर खड़े होते थे
बड़े मियां छोटे मियां को डेविड धवन ने डायरेक्ट और वासु भगनानी ने प्रोड्यूस किया था. वासु भगनानी ने एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में इस बारे में बात की. उन्होंने कहा- मैं चार साल का था जब हम मुंबई आए, मेरे पिता की जेब में कुछ भी नहीं था. हम रविवार को अमिताभ बच्चन के घर के बाहर कैंडी फ्लॉस खाने के लिए खड़े रहते थे.
बड़े मियां छोटे मियां' ने दी बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट
बड़े मियां छोटे मियां उस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक बन गई, लेकिन बिग बी के करियर को रिवाइव नहीं कर सकी. आखिरी में अमिताभ बच्चन को यश चोपड़ा की मोहब्बतें और टेलीविजन शो कौन बनेगा करोड़पति के साथ पॉपुलैरिटी मिली. बड़े मियां छोटे मियां की बात करें तो इस फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ गोविंदा रवीना टंडन और अनुपम खेर अहम किरदार निभाते नजर आए थे. मगर जब बाद में अमिताभ ने वापसी की तो ऐसे आए कि अब तक इंडस्ट्री में छाए हुए हैं.
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