कहते हैं कि फ़िल्में समाज का आईना होती हैं. आज ऐसे कई संवेदनशील मुद्दे हैं जिन्हें ना सिर्फ जबरदस्त तरीके से फिल्मों में उठाया गया है बल्कि बखूबी बड़े पर्दे पर दर्शाया भी गया है. उन्हीं में से एक है गंजापन या बालों का कम होना जिसकी वजह से कई पुरुष आत्मविश्वास की कमी और हीन भावना से जूझ रहे हैं. ऐसे में गंजेपन पर बनी बॉलीवुड की ये फिल्में एक तरफ जहां बाल कम होने वाले शख्स की परेशानियां बताती हैं वहीं यह संदेश भी देती हैं कि समस्या गंजापन नहीं गंजेपन से परेशान होना है. तो अगर आपके सिर पर भी नहीं है घने बाल तो ना हो निराश देख डालिए बाला से लेकर उजड़ा चमन तक बॉलीवुड की ये बेहतरीन फिल्में. आत्मविश्वास से लबरेज ना हो जाएं तो कहना.
बाला
आयुष्मान खुराना की फिल्म गंजेपन जैसे सेंसिटिव टॉपिक पर बनी है. ये फिल्म एक ऐसे युवा की कहानी है जो गंजेपन से परेशान हैं. फिल्म में उस युवा शख्स का किरदार निभाया है आयुष्मान खुराना ने. फिल्म में दिखाया गया है कि हर कीमत पर बाला यानि आयुष्मान अपने बाल वापस लाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. फिल्म की कहानी यह बताती है कि समस्या गंजापन नहीं है लेकिन समस्या तब शुरू होती है जब आयुष्मान शादी के लिए अपने गंजेपन को छुपाते हैं हुए शादी के बाद यह सच सामने आता है. ये फिल्म हर उस शख्स को कनेक्ट करती है जो अपनी कमियों की वजह से ताना सुनते हैं और खुद परेशान रहते हैं लेकिन फिर कॉन्फिडेंस के साथ इससे उभरते हैं और खुद से प्यार करने लगते हैं.
ओंदू मोत्तेया काथे
ओंदू मोत्तेया काथे एक कन्नड़ फिल्म है जो एक अनमैरिड शख्स की कहानी बताती है जो 30 साल की उम्र में गंजा हो रहा हैन कैसे उसकी मुलाकात एक लड़की से होती है जो उसके साथ फोटो खिंचवाने जाती है और फिर कैसे वो शादी के लिए लड़की नहीं मिलने के अपने डर पर काबू पाता है. फिल्म में राज बी शेट्टी ने जनार्दन की भूमिका निभाई है. इस फिल्म में भी यही संदेश दिया गया है कि बाल कम हो जाना या गंजापन आपके आत्मविश्वास को कम करने का कारण नहीं बन सकता.
आई एम 24
आई एम 24 भी गंजेपन पर आधारित फिल्म है. इसमें रजत कपूर, रणवीर शौरी, नेहा धूपिया, मंजरी फडनिस, डेलनाज़ ईरानी और सौरभ शुक्ला मुख्य भूमिका निभाया है. आई एम 24 एक 42 साल के गंजे लेखक की कहानी है जिसे 22 वर्षीय ब्यूटी क्वीन से प्यार हो जाता है. उसे लुभाने के लिए वो अपनी उम्र के बारे में झूठ बोलता है. हालांकि जब इस बात का खुलासा होता है तो कहानी में यू-टर्न आ जाता है.ये एक रोमांटिक कॉमेडी है.
हेयर इज़ फॉलिंग
हेयर इज़ फॉलिंग 2011 की फिल्म है जो यूथ में बालों के झड़ने की समस्या पर आधारित है. फिल्म की टैगलाइन थी, 'अ सीरीयस कॉमेडी'. हेयर इज़ फ़ॉलिंग में कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट की कहानी बताई गई है जो अपने बालों के झड़ने की समस्या को नजरअंदाज कर देता है. लेकिन फिर उसके मॉडलिंग करियर में ये उसे कैसे इफेक्ट करती है और वो इस सिचुएशन से कैसे उभरता है इसी पर यह कहानी फिल्माई गई है. ये इस कहानी का सार है और यही दमदार संदेश भी.
उजड़ा चमन
उजड़ा चमन दरअसल ओंदू मोत्तेया काथे का बॉलीवुड रीमेक है. फिल्म में सनी सिंह, मानवी गगरू, सौरभ शुक्ला, करिश्मा शर्मा, ऐश्वर्या सखुजा लीड रोल में हैं. उजरा चमन फिल्म एक स्ट्रांग मैसेज देती है जो बताती है कि सबसे पहले आपको खुद को एक्सेप्ट करना होगा. खुद से प्यार करना होगा तभी दूसरे आप से प्यार करेंगे. फिल्म का सार यही है का बाल कम होना या गंजा होना परेशानी नहीं है बल्कि किसी का आपको टकला बुलाने पर गुस्सा हो जाना या खीझ जाना परेशानी है. फिल्म की कहानी दिल्ली के प्रोफेसर चमन कोहली के इर्द गिर्द घूमती है जिसमें वो बाल कम होने से परेशान रहता है.
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