
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक पुराना बॉलीवुड गाना खूब वायरल हो रहा है, 'तड़पाओगे तड़पा लो, हम तड़प-तड़प के भी तुम्हारे गीत गाएंगे'. इस गाने पर मीम्स और रील्स की बाढ़ सी आ गई है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इस हिट सॉन्ग की हीरोइन कौन थीं. ये गाना फिल्माया गया था वेटरन एक्ट्रेस शुभा खोटे पर, जो सिर्फ फिल्मों में ही नहीं, बल्कि खेलों में भी नंबर वन रही हैं. शुभा खोटे का फिल्मी सफर बचपन से ही शुरू हो गया था. चार साल की उम्र में उन्होंने सीमा जैसी बड़ी फिल्म में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया. उनके पिता नंदू खोटे थिएटर के जाने-माने नाम थे, और मशहूर अदाकारा दुर्गा खोटे उनकी बुआ थीं. फिल्मी दुनिया में आने के बाद शुभा ने लीड रोल के साथ-साथ सपोर्टिंग और नेगेटिव किरदारों में भी दमदार एक्टिंग की. महमूद के साथ उनकी जोड़ी खासा पसंद की गई.
स्विमिंग और साइकलिंग में नेशनल चैंपियन
ससुराल, भरोसा, जिद्दी, लव इन टोक्यो, हमराही जैसी हिट फिल्मों के अलावा उन्होंने पेइंग गेस्ट और एक दूजे के लिए में खलनायिका का रोल भी निभाया. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि फिल्मों से पहले शुभा का सपना खेलों की दुनिया में नाम कमाने का था. वो स्विमिंग और साइकिलिंग में इतनी माहिर थीं कि 1952 से 1955 तक लगातार तीन साल नेशनल चैंपियन रहीं. उस दौर में इन खेलों में उनका नाम पूरे देश में मशहूर था.
पर्सनल लाइफ और टीवी करियर
शुभा की शादी डायरेक्टर-प्रोड्यूसर डी.एम. बलसावर से हुई और उनकी बेटी भावना बलसावर भी एक जानी-मानी एक्ट्रेस हैं. शुभा ने सिर्फ फिल्मों में ही नहीं, बल्कि टीवी पर भी शानदार काम किया है. जुबान संभाल के, जुनून, बा बहू और बेबी, स्पाई बहू जैसे सीरियल्स में उनकी एक्टिंग को खूब सराहा गया. इतना ही नहीं, वो आज भी एक्टिव हैं और अक्षय कुमार की फिल्म टॉयलेट: एक प्रेम कथा में भी नज़र आ चुकी हैं. यानी, सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहे इस गाने की हीरोइन सिर्फ एक्ट्रेस ही नहीं, बल्कि अपने दौर की नेशनल लेवल स्पोर्ट्स चैंपियन भी रही हैं. उनका सफर बताता है कि टैलेंट हो तो इंसान किसी भी मैदान में चमक सकता है.
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