
हिंदी सिनेमा में गायक जावेद अली ने अपनी जगह और पहचान दोनों बनाई हैं और कई यादगार गाने अपने फिल्मी कैरीअर में उन्होंने दिए हैं. हाल ही में अपनी आने वाली फिल्म अंदाज फिल्म अंदाज 2 के गानों के बारे में बात करते करते हिंदी फिल्मों के गानों से मेलोडी गायब होने पर जिक्र छिड़ गया जिस पर बात करते हुए जावेद ने कहा, “मेलोडी स्ट्रॉन्ग होती है. ऐसे गाने फॉरएवर लोगों के दिलों और जहन में रहते हैं. भले ही उन्हें दर्शकों तक पहुंचने में थोड़ा वक्त लगे, लेकिन जब वो गाने लोगों तक पहुंचते हैं, तो बहुत देर तक उनके साथ रहते हैं. एक बड़ा उदाहरण है ‘श्रीवल्ली'.”
उन्होंने कहा, “जब ‘पुष्पा' फिल्म आई थी, तो मैंने उसमें ‘श्रीवल्ली' गाया था. मुझे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि ये गाना इतना बड़ा हिट हो जाएगा. मैंने गाना रिकॉर्ड किया और अलग स्टाइल से गाया. ऐसी टेक्सचर, वैसी पिच, वैसा वाइब पहली बार अपनाया. पहले कभी अपनी वॉइस को इस तरह इस्तेमाल नहीं किया था. यह मेरे लिए नया था और मैंने खुद सोचा कि लोग कहेंगे जावेद को क्या हो गया है. लेकिन जब वो गाना रिलीज हुआ, तो हर जगह उसे एक्सेप्ट किया गया. वो एक अलग ही कहानी बन गई.”
दिग्गज गायक आगे कहते, “दरअसल, ये गाना पहले से तेलुगू में रिकॉर्ड किया गया था. जब मुझे हिंदी वर्जन के लिए कहा गया, तो मैंने कहा कि अगर मैं इसे नॉर्थ की ऑडियंस के लिए गा रहा हूं, तो मुझे उसका अप्रोच भी वैसा ही रखना चाहिए.” तो मैंने कर्नाटक वाला लोक रंग इसमें नहीं डाला. शायद इसी वजह से हिंदी में ये गाना इतना पसंद किया गया.”
आगे बातचीत में जब एनडीटीवी ने उनसे पूछा की साउथ की फिल्मों के गाने जब हिंदी में डब किए जाते हैं तो वो हिट नहीं होते और उसका एक कारण है गाने के शब्द जो दक्षिण की धुन के हिसाब से हिंदी में फिट किए जाते हैं और कई बार उनका इस्तेमाल थोड़ा अजीब लगता है जैसे श्रीवल्ली गाने में ही तेरी झलक अशरफी या फिर नैना मादक बर्फी जैसे शब्दों को शायद हिंदी गानों की लिखाई में राइटर इस्तेमाल नहीं करता तो इसपर जावेद ने कहा, “उस गाने में मुझे न तो लिरिक्स से कोई दिक्कत थी और न ही ट्यून से. बस एक बात थी‘श्रीवल्ली' नाम साउथ इंडियन लगता था. तो कंपोजर डीएसपी ने कहा था कि इसे ‘श्रीदेवी' कर देते हैं. लेकिन मुझे ‘श्रीदेवी' उतना सही नहीं लग रहा था. मैंने रिक्वेस्ट की कि इसे ‘श्रीवल्ली' ही रहने दीजिए. उस शब्द का जो वजन था, जो मेलोडिक असर था, वो बेहद प्यारा था. उन्होंने मेरी बात मानी और ‘श्रीवल्ली' ही रखा. मुझे बहुत अच्छा लगा कि उन्होंने मुझ पर इतना भरोसा जताया. अगर वो बदल देते तो शायद पूरी फिल्म में उसका असर नहीं आता.”
इसका मतलब अगर जावेद गाने में श्रीवल्ली के जगह श्रीदेवी गा देते तो पूरी फिल्म में श्रीवल्ली का नाम श्रीदेवी डब किया जाता जो जावेद ने अपनी बातचीत के दौरान बताया और दर्शक तेरी झलक अशरफी श्रीवल्ली की जगह तेरी झलक अशरफी श्रीदेवी सुन रहे होते .
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